________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatm.org Acharya Shri Kalassagasun Gyanmandir स्वः अमुकदेवाय नमः गन्धोदकरलानं समर्पयामि / इति गंधोदकनानम् // 21 // इति लापयित्वा पूर्वोक्तशुद्धोदकस्नानं कारयेत् / पू० ख०१ एवं स्नानं समय शिवसूर्यातिरिक्तदेवेषु शंखन तत्तन्मूलमंत्रण यथाशक्त्याभिषेक कृत्वा ॐ अनेन अभिषेककर्मणाऽमुकदेवता प्रीयतामस दे०प. इति समर्प्य आचमनं दद्यात् // ततः-सर्वभूषादिके सौम्ये लोकलज्जानिवारणे // मयैवापादिते तुत्य वाससी प्रतिगृह्यताम् // मूलं पठित्वा तरं४ | ॐ भूर्भुवः स्वः अमुकदेवाय नमः वस्वं समर्पयामि // इति वैषम् // 22 // नबभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम् // उपवीतं चोत्तरी चयं गृहाण परमेश्वर / / मूलं पठित्वा ॐ भूर्भुवः स्वः अमुकदेवाय नमः यज्ञोपवीतं समर्पयामि इति यज्ञोपवीतम् // 23 // ॐ स्वभावभुदरांगाय नानाशक्तचाश्रित शिव // भूषणानि विचित्राणि कल्पयाम्यमरार्चित // मूलं पठित्वा अमुकदेवाय नमः आभूषणं समर्पयामि इत्युक्त्वा दक्षहस्तांगुष्ठस्पृष्टानामिकात्विकया मुद्रया भूषणानि दद्यात् / / रत्याभूषणम् // 24 // श्रीखण्डं चन्दनं दिव्यं गंधाढयं सुमनोहरम् // विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दनं प्रतिगृह्यताम् // मूलं पठित्वा ॐ भर्भुवः स्वः अमुकदेवाय नमः गं, समर्प यामि // अंगुष्कनिष्ठामूललना गंधमुद्राः / इति गन्धम् // 25 // अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुभाक्ताः मृशोभिताः // मया निवेदिता भक्तया गृहाण परमेश्वर // मूलं पठित्वा ॐ भूर्भुवः स्वः अमुकदेवाय नमः अक्षतान्समर्पयामि इत्यक्षता नासर्व गुलीभिर्दद्यात् // // 26 // माल्यादीनि सुगंधीनि मालत्यादीनि वै प्रभो // मयानीतानि पुष्पाणि गृहाण परमेश्वर // मृलं| मठित्वा ॐ भूर्भुवः स्वः अमुकदेवाय नमः पुष्पं समर्मायामि तर्जन्यावंगृष्ठमूललग्ने पुष्पमुद्रा // 27 / / इति पुष्पम् // एवं पुष्पांतं पूजा च 1 पातं विष्णौ सितं शंभी रक्तं विनाशक्तिषु // सच्छिद्रमालन जीर्ण त्यजतलादिदूषितम् // २खीपूजन तु दद्यात् // 3 शक्तिश्चत रक्तचन्दनं दद्यात् // oll4 पत्र पुष्पं फलं देवेन च दद्यादधोमुखम् / पुष्पांजलीन तहोषस्तथा पर्युषितस्प च॥ For Private And Personal Use Only