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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १४ ) अपनी किसी कृति में इन्होंने माण्डूक्य का उल्लेख नहीं किया । इस तरह मध्वाचर्य और प्रोफेसर डॉयसन के विचारों में महान अन्तर है । मध्वाचार्य 'कारिका' को भी उपनिषद, मानने का दावा करते हैं जब कि प्रोफेसर महोदय मंत्रों को भी 'कारिका' का अंग मानने पर बल देते है। ___इस बात को भी विस्तार से समझाने में मेरा यह उद्देश्य है कि आप यह समझ सकें कि उच्चकोटि के विद्वान् तथा तीक्ष्ण-बुद्धि व्यक्ति भी कि प्रकार अपनी योग्यता का सदुपयोग न कर सके जिससे उन्हें उपनिषदों के अध्ययन से वास्तविक लाभ न हो सका । इस बारीकी वाले मामले में यह कहना, कि श्री शंकराचार्य ने अपने भाष्य में कभी 'माण्डूक्य' का हवाला नहीं दिया, एक विषम एवं सीधे-साधे साधन को अपनाना है । वास्तव में श्री शंकराचार्य से पहले कई महान् लेखकों ने 'माण्डूक्य' द्वारा उपनिषदों का हवाला देने का दावा किया था। हमें श्री शं.राचार्य के शब्दों तथा विचारों में कई जगह 'माण्डक्य' की गन्ध आती है । ___ संभव है श्री शंकराचार्य ने गद्य के बड़े-बड़े स्थलों का उल्लेख इस लिए न किया हो कि इसके द्वारा उनके साहित्यिक उद्देश्य की पूर्ति न होती हो। इनके द्वारा उन्हें अपने विचार प्रकट करने तथा अपनी सुसम्बद्ध एवं 'लक्ष्य' वाली गद्य-शैली को लेखनी-बद्ध करने में कोई विशेष सहायता न मिलती हो । यहाँ यह कहना उचित होगा कि श्री शंकराचार्य न केवल एक दार्शनिक थे वरन् एक प्रोजस्वी लेखक भी। इतना छोटा होने पर भी 'माण्डूक्योपनिषद' वेदान्त-साहित्य का एक पुष्प-ग्रंथ है क्योंकि इसमें 'अद्वैतवाद' से सम्बन्धित निश्चित् तथा स्पष्ट शब्दों का समावेश किया गया है । इसके एक अनुच्छेद में एक 'महावाक्य' का उल्लेख है जिसका घोर समाधि के लिए प्रयोग किया जाता है । वेदान्तसाधना की दृष्टि से चार वेदों से चार महा वाक्य लिये गये हैं । अथर्ववेद से 'अयम् अत्मा ब्रह्म' का महावाक्य इसी उपनिषद् से लिया गया है। इसमें बताया गया है यह 'प्रात्मा' ब्रह्महै । व्यक्तिगत 'अहम्' का अर्थ है विश्व'व्यापी अहम् । For Private and Personal Use Only
SR No.020471
Book TitleMandukya Karika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChinmayanand Swami
PublisherSheelapuri
Publication Year
Total Pages359
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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