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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir ग्रन्थ-प्रकाशक समितिकी लोक-प्रिय पुस्तकें। . सरलगीता-भगवान् कृष्णचन्द्रने वीर अर्जुनको कुरु. क्षेत्रमें जो उपदेश दिया था और जो भगवद्गीताके भामसे प्रसिद्ध है उसीका यह सरल भाषानुवाद है। इसमें पहिले महाभारतकी कथा दी गयी है; फिर गीताके मूल श्लोक, उनका नंबरवार सरल अर्थ और व्याख्या, और अन्तमें उपसंहार दिया गया है । सरस्वती सम्पादक लिखते हैं, "पुस्तक दिव्य है " । मूल्य एक रुपया । जयन्त-बलभद्रदेशका राजकुमार-महाकवि शेक्सपि. यरके हैम्लेट नाटकका हिन्दी अनुवाद । मूल्य बारह पाना । महात्मा गान्धी-महात्मा मोहनदास कर्मचन्द गान्धीका जीवन चरित्र । मूल्य छः प्राना। महाराष्ट्र-रहस्य-१६वीं शताब्दिमें मराठोंने जो पराक्रम किये थे उनके कारणोंका इतिहास । मूल्य डेढ़ आना। महात्मा टॉलस्टॉयके लेख-इसमें चार लेख हैं(१) लोग नशा क्यों करते हैं ? (२) उद्योग और आलस्य, (३) शिक्षा संबंधी पत्र, और (४) धर्म और विवेचक बुद्धि । इन लेखोंको पढ़कर एक नये संसारका दर्शन होता है। आरंभमें महात्माकी जीवनी भी है। मूल्य पांच आना। For Private And Personal
SR No.020463
Book TitleMaharaj Chatrasal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSampurnanand
PublisherGranth Prakashak Samiti
Publication Year1917
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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