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अधिक/अधिग वि [अधिक] विशेष, ज्यादा, बहुत। (प्रव.१९,२४) -तेज वि तेज] अधिक तेज, अधिक बल। (प्रव.१९) अणंतबलवीरिओ अधिकतेजो। -गुण वि [गुण] अधिक गुण । अधिगगुणासामण्णे, समिदकसायो तवोधिगो चावि। (प्रव.चा.६८) अधिगद वि [अधिगत प्राप्त हुआ, प्राप्त होने वाला। (पंचा.१२९) गदिमधिगदस्स देहो। (पंचा. १२९) अधिगम वि [अधिगम] यथार्थ अनुभव, ठीक-ठीक बोध, तत्त्वज्ञान का बोध। (पंचा. १०७, स.१५५, निय. ५२) अधिगमभावो णाणं, हेयोपादेयतच्चाणं । (निय.५२) अधिगंता सं. कृ. [अधि+गम्] प्राप्त करके। (पंचा.२८) लोगस्स
अंतमधिगंता। अधिवस अक [अधि+वश्] वास करना, रहना। अधिवसदु (वि. आ.प्र.ए.प्रव.चा.७०) अधिवसदु तम्हि णिच्चं। अधिवास पुं [अधिवास] निवास, रहना, अधीनता, स्वीकार करना, (गुरुओं के) पास रहना! (प्रव.चा.१३) अधिवासे य विवासे, छेदविहूणो भवीय सामण्णे। अधी स्त्री [अधी] अबुद्धि, बुद्धिहीन, कुमति, अज्ञानी। (भा.१०२) सच्चित्तभत्तपाणं, गिद्धोदप्पेणडधी पभुत्तूण। अधी सक [अधि+इ] पढ़ना, अध्ययन करना। अधीएज्ज (व.प्र.ए.स.२७४) (हे. वर्तमानापन्चमीशतृषु वा।३/१५८, ज्जा-ज्जे ३/१५९, वर्तमान, विधि आज्ञा एवं भविष्यकाल के
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