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अणण्णय वि [अनन्यक] अन्यपने से रहित। (स.१४) अणप्पय पुं [अनात्मक] आत्मा से परे, आत्म-अनभिज्ञ। (स.२०२) अणप्पवस पुंन [अनात्मवश] पराधीन, परवश। (भा.११२,२१) अणय पुं [अनय] अनीति, अन्याय। (भा.२६) अणल पुं [अनल] अग्नि। -काइय वि [कायिक] अग्निकायिक,
अग्निकाय सम्बन्धी। (पंचा.१११) अणवकास पुं न [अनवकाश] अवकाश न देना, स्थान देने में
असमर्थ। (पंचा.८०) अणवर/अणवरय वि [अनवरत] सतत्, निरन्तर। (द.२९, निय.११३,मो.३) अणाइ वि [अनादि] आदि रहित। (पंचा.५३, स.८९, भा.७,१४, ११२) -काल पुं [काल] अनादिकाल। (भा.७,१४,१०२,११२) -णिहण पुंन [निधन] अनादि अनंत। अणाइणिहणं (प्र.ए.भा.११४) अणाणि वि [अज्ञानिन्] अज्ञानी। (स.१२६,१३१) अणागय वि [अनागत] आगामी। (स.२१५, निय.९५)
अणागयसुहमसुहवारणं किच्चा। अणागार पुं [अनागार] अनागार, मुनि, साधु । (प्रव.शे. १०२) अणादिणिधण पुंन [अनादिनिधन] अनादि-अनन्त। (पंचा.१३०)
अणादिणिधणो सणिधणो वा। अणायार वि [अनाचार] आचरणरहित, गृहीत नियमों का
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