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155 का निग्रह। णिग्गहमणा परस्स। (स.३८२) णिग्गहण वि निग्रहण] निग्रह, दमन, नियन्त्रित । (निय.११४) णिग्गहिद वि [निगृहीत] रोका गया, निग्रह किया गया, पराभूत, तिरस्कृत। इंदियकसायसण्णा णिग्गहिदा जेहिं सुठुमग्गम्मि। (पंचा.१४१) णिग्गुण वि [निर्गुण] गुणहीन, गुणरहित। (भा.७१) । णिच्च न [नित्य] 1. नित्य, सदैव, हमेशा, निरंतर। (स.३२३, पंचा.७) णिच्चं कुवंताणं। (स.३२३) 2. वि [नित्य] नित्य शाश्वत, अविनश्वर। णिच्चो णाणवकासो। (पंचा८०) -काल पुं [काल] निरन्तर, हमेशा। भत्तीराएण णिच्चकालम्मि। (भा.१०५) णिच्चय पुं [निश्चय] निश्चयनय, नय विशेष, द्रव्यार्थिकनय। जाणंति णिच्चएण। (स.३२४) -णय पुं [नय] निश्चयनय। णिच्चयणएण भणिदो। (पंचा.१६१) णिच्चयण्हू वि [निश्चयज्ञ] निश्चयस्वरूप को जानने वाले, निश्चय
के ज्ञाता। णिच्छंति णिच्च याहू। (पंचा.४५) णिच्चसा अ [नित्यशः] निरन्तर, सदैव, हमेशा।
(निय.१२९-१३३) णिच्चिद वि [निश्चित] निश्चित, निर्णीत, असंदिग्ध
(पंचा.१६२) णिच्चेल वि [निश्चेल] वस्त्ररहित, निर्ग्रन्थ । णिच्चेलपाणिपत्तं। (सू.१०)
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