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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org -२८ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दिन में कई मोटरें विभिन्न मार्गो से ऋषभदेव प्राती जाती है । जमेर से अहमदाबाद तक राष्ट्रीय मार्ग उच्च सड़क जाती है जो कि देहली से भी सम्बन्ध रखती है, ऋसभदेव इस मार्ग में माता है । अतः अजमेर और उदयपुर से यात्री रास्ते से आ जा सकते हैं । अहमदाबाद से रतनपुर होते हुए इसी मार्ग द्वारा ऋषभदेव प्राया जाता है। दूसरा मार्ग डूंगरपुर से ऋषभदेव का है यह भी पक्की सड़क है, जो कि उदयपुर से डुंगरपूर तक बनी हुई है और प्रति दिन मोटरे प्राती जाती है । तीसरा मार्ग ईडर से विजयनगर होकर ऋषभदेव आता है । यह रास्ता कक्ची सडक का है । अतः वर्षा काल में बन्द रहता है । चौथा मार्ग ऋषभदेव से सलुम्बर की तरफ हैं । पांचवा मार्ग ऋषभदेव से चावण्ड सराडा होकर उदयपुर जाता है । इस प्रकार चारों ओर छोटे मोटे रास्ते बने हुए है उदयपुर अहमदाबाद तक रेल्वे लाइन है । जिससे से केशरियाजो रेल द्वारा भी प्राया जा सकता है । इस प्रकार ऋषभदेव थाने में पर्याप्त सुविधा है । तीर्थ क्षेत्र पर आधुनिक युग को वैज्ञानिक सुविधाएं पर्याप्त है। गांव में बिजली तार टेलोफोन, नल. पी. एच.सी. ( श्रौषधालय ) प्रायुर्वेदिक दवाखाना, हाई स्कूल, पुलिस थाना विकास पंचायत आदि भी है । For Private and Personal Use Only -
SR No.020442
Book TitleKesariyaji Rushabhdev Tirth Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMotilal Marttand
PublisherMahavirprasad Chandanlal Bhanvra Jain
Publication Year1987
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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