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भारत-गौरव-ग्रन्थ-माला का प्रथम पुष्प
श्री कामघट कथानकम्
पाप-पुण्य विषयक संक्षिप्त-सरल-सुन्दर गद्य
पद्यात्मक उपदेश प्रद कथानकयुतम् ।
पूर्व-सुविहित-गीतार्थ-संदर्भितम्
जैनाचार्य श्रीमद विजय राजेन्द्र सूरिणा संवर्द्धितम्
मिथिलावयव-मुजफ्फरपुर-मण्डलान्तर्गत-रतवारा-ग्राम-निवासिना गणितागम-पारायण पण्डित श्री मोदनारायण मिश्र मनुना
ज्योतिषाचार्य-साहित्याचार्य-साहित्यरत्नादि-पदभाजा गङ्गाधर मिश्रेण राष्ट्रभाषायामनुवादितं सम्पादितञ्च ।
कलकत्ता-१
वीर निर्वाणाब्द २४८१
प्रथमावृत्ति १००० ]
[ मुल्य ४)
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