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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 836 कालिदास पर्याय कोश हे सुंदर जाँघों वाली! सुनो, जिस ऋतु में काम भी बहुत बढ़ जाता है, वह स्त्रियों की प्यारी शिशिर ऋतु आ पहुंची है। सुगन्धिनिः श्वासविकम्पितोत्पलं मनोहरं कामरति प्रबोधकम्। 5/10 कामवासना जगाने वाली वह मदिरा पीती हैं, जिसमें पड़े हुए कमल उन की सुगंधित साँस से बराबर हिलते रहते हैं। भ्रूक्षेपजिह्मानि च वीक्षितानि चकारकामः प्रमदाजनानाम्। 6/13 काम से स्त्रियों की टेढ़ी भौंहों के कारण चितवन बड़ी कटीली हो जाती है। सुगन्धिकालागरुधूपितानि धत्तेः जनः काममदालसाङ्गः। 6/15 कामदेव के मद में अलसाई हुई स्त्रियाँ काला गुरु के धुएँ से सुगंधित किए हुए। कुर्वन्ति कामं पवनावधूताः पर्युत्सुकं मानसमङ्गनानाम्। 6/17 जब पवन के झोंके में हिलने लगते हैं तो उन्हें देख-देखकर स्त्रियों के मन में काम उभरने लगता है। कुसुमायुध - [कुष् + उम + आयुधः] कामदेव। मत्तालियूथविरुतं निशि सीधुपानं सर्वं रसायनमिदं कुसुमायुधस्य। 6/35 मतवाले भौंरो की गुंजार और रात में आसव, पीना, ये सब कामदेव को जगाए रखने वाले रसायन ही हैं। 5. मदन - [माद्यति अनेन - मद करणे ल्युट्] मादक, कामदेव। सतन्त्रिगीतं मदनस्य दीपनं शुचौ निशीथेऽनुभवन्ति कामिनः। 1/3 प्रेमियों को काम को उभारने वाली वस्तुएँ चाहिए, जैसे रात में सुंदर वीणा के साथ गाए हुए गीत। नृत्यप्रयोगरहिताशिखिनो विहाय हंसामुपैति मदनो मधुर प्रगीतान्। 3/13 जिन मोरों ने नाचना छोड़ दिया है, उन्हें छोड़कर अब कामदेव उन हंसों के पास पहुँच गया है, जो बड़ी-मीठी बोली में रुनझुन कर रहे हैं। रचितकुसुमगन्धि प्रायशो यान्ति वेश्म प्रबलमदनहेतोस्त्यक्तसंगीत रागाः। 3/23 सब गाना-बजाना छोड़कर अत्यंत कामातुर होकर उन घरों में चली जा रही हैं, जिनमें सुगंधित फूलों की शय्या बिछी हुई है। For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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