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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऋतुसंहार 809 उजले कमल के मुख वाली, फूले हुए नीले कमल की आँखों वाली, फूले हुए काँस की साड़ी पहनने वाली। अवेक्ष्यमाणा हरिणेक्षणक्ष्य प्रबोधयन्तीव मनोरथानि। 4/10 मृगनयनी स्त्रियाँ यह सोचती हैं कि तब हम यों मिलेंगी, यों बातें करेंगी और यों रूठेंगी। कूर्पासकं परिदधाति नखक्षताङ्गी व्यालम्बिनी ललिततालक कुञ्चिताक्षी। 4/17 नखों के घावों से भरे हुए अंगों वाली और लटकती हुई सुंदर अलकों से ढकी हुई आँखों वाली स्त्री अपनी चोली पहनने लगी हैं। 2. नयन - [ नी + ल्युट्] आँख। पर्यन्त संस्थितमृगीनयनोत्पलानि प्रोत्कण्ठयन्त्युपवनानि मनांसि पुंसाम्।3/14 जिन उपवनों में कमल जैसी आँखों वाली हरिणियाँ जहाँ-तहाँ बैठी पगुरा रही हैं, उन उपवनों को देखकर लोगों के मन निश्चय ही आकृष्ट हो जाता है। असित नयनलक्ष्मी लक्षयित्वोत्पलेषु क्वणित कनककाञ्ची मत्तहंस स्वनेषु। 3/26 नीले कमलों में काली आँखों की सुंदरता देखते हैं, मस्त हंसों की ध्वनि में सुनहली करधनी की रुनझुन सुनते हैं। 3. नेत्र - [ नयति नीयते वा अनेन - वी + ष्ट्रन्] आँख। विलोलनेत्रोत्पलशोभिताननैर्मृगैः समन्तादुपजातसाध्वसैः। 2/9 कमल के समान सुहावनी चंचल आँखों के कारण सुंदर मुख वाले डरे हुए हरिणों से भरा हुआ। नेत्रोत्सवो हृदयहारिमरीचिमालाः प्रह्लादकः शिशिरसीकरवारि वर्षी। 3/9 सबकी आँखों को भला लगने वाले जिस चंद्रमा की किरणें मन को बरबस अपनी ओर खींच लेती हैं, वही सुहावना और ठंडी फुहार बरसाने वाला चंद्रमा। अन्या प्रकामसुरतश्रमखिन्नदेहो रात्रिप्रजागरविपाटलनेत्रपद्मा। 4/15 अत्यंत संभोग से थक जाने के कारण एक दूसरी स्त्री की कमल जैसी आँखें रातभर जागने से लाल हो गई हैं। For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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