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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 796 - www. kobatirth.org - तंत्री 1. तंत्री [तन्त्रि + ङीष् ] वीणा, वीणा का तार । सुतन्त्रि गीतं मदनस्य दीपनं शुचौ निशीथेऽनुभवन्ति कामिनः । 1/3 प्रेमियों को भी मन बहलाने के लिए, ऐसी-ऐसी काम को उभारने वाली वस्तुएँ चाहिए जैसे रात्रि में सुंदर वीणा के साथ गाए हुए गीत । 2. वल्लकी [ वल्ल् + क्वुन् + ङीष् ] वीणा । स वल्लकी काकलिगीतनिस्वनैर्विबोध्यते सुप्त इवाद्य मन्मथः । 1/8 आजकल लोग कामदेव को उसी प्रकार जगाया करते हैं, जैसे कोई स्त्री अपने प्रेमी को वीणा के साथ अपने मीठे गले से गीत गा-गाकर जगाया करती है । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालिदास पर्याय कोश तडित 1. तडित - [ ताडयति अभ्रम् - तड् + इति] बिजली । ससीकराम्भोधरमत्तकुञ्जरस्तडित्पताको शनि शब्दमर्दलः । 2/1 जल की फुहारों से भरे हुए बादलों के मतवाले हाथी पर चढ़ा हुआ चमकती बिजलियों की झंडियों को फहराता हुआ और बादलों की गरज के नगाड़े बजाता हुआ । बलाहकाश्चाशनिशब्दमर्दला : सुरेन्द्रचापं दधतंस्तडिद्गुणम् । 2/4 मृदंग के समान गड़गड़ाते हुए, बिजली की डोरी वाले इंद्रधनुष चढ़ाए हुए ये बादल । तडित्प्रभादर्शितामार्ग भूमयः प्रयान्ति रागादभिसारिकाः स्त्रियः । 2/10 लुक-छिपकर अपने प्यारे के पास जाने वाली कामिनियाँ बिजली की चमक से आगे का मार्ग देखती चलती हैं। For Private And Personal Use Only पयोधरैर्भीमगभीरनिस्वनैस्तडिद्भिरुद्वेजितचेतसो भृशम् | 2/11 बादलों की घोर कड़क सुनकर और बिजली की तड़पन से चौंकी हुई स्त्रियाँ । तडिल्लताशक्रधनुर्विभूषिताः पयोधरास्तोयभरावलम्बिनः । 2/20 इंद्रधनुष और बिजली के चमकते हुए पतले धागों से सजी हुई और पानी के भार से झुकी हुई काली-काली घटाएँ ।
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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