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कालिदास पर्याय कोश प्यारी स्त्रियाँ, जब तुम्हारा गर्जन सुनकर झट से घबराकर उनके गले लग जाएंगी।
भर्ता 1. कान्त - [कन् (म्) + क्त] प्रिय, प्रेमी, पति।
कान्तोदन्तः सुहृदुपनतःसंगमात्किंचिदूनः। उ० मे० 42 मित्र के मुंह से पति का संदेश पाकर स्त्रियों को अपने प्रिय के मिलन से कुछ
कम सुख थोड़े ही मिलता है। 2. कामचारी - [कम् + घञ् + चारिन्] पति, प्रेमी।
तस्योत्सङ्गे प्रणयिन इव स्रस्तगंगादुकूलां न त्वं दृष्ट्वा न पुनरलकां ज्ञास्यसे कामचारिन्। पू० मे० 67 उस की गोद में अलकापुरी वैसी ही बसी हुई है, जैसे अपने प्रियतम (पति) की गोद में कोई कामिनी बैठी हो और वहीं से निकली हुई गंगाजी की धारा
ऐसी लगती है, मानो उस कामिनी के शरीर पर से सरकी हुई उसकी साड़ी हो। 3. प्रणयि - [प्रणय + इनि] पति, प्रेमी।
अङ्गनानां सद्यः पाति प्रणयि हृदयं विप्रयोगे रुणद्धि। पू० मे०१ स्त्रियों के जो हृदय अपने प्रेमियों से बिछुड़ने पर एक क्षण नहीं टिके रह
सकते। 4. प्रियतम - [प्रिय + तमप्] प्रेमी, पति।
शिप्रावातः प्रियतम इव प्रार्थना चाटुकारः। पू० मे० 33 शिप्रा का वायु थकावट को उसी प्रकार दूर कर रहा होगा, जैसे चतुर प्रेमी मीठी-मीठी बातें बनाकर। यत्र स्त्रीणां प्रियतमभुजालिङ्गनोच्छ्वासितानाम्। उ० मे०१ उन स्त्रियों की थकावट दूर करता है, जिनके शरीर प्रियतम की भुजाओं में कसे
रहने से ढीले पड़ जाते हैं। 5. भर्ता - [भृ + तृच्] पति, प्रभु, स्वामी।
शापेनास्तंगमित महिमा वर्ष भोग्येण भर्तुः। पू० मे० 1
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