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मेघदूतम्
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8. वारि - [वृ + इञ्] जल, पानी।
मन्दाकिन्याः सलिल वारितोष्णाः। उ० मे० 6 मंदाकिनी के जल की फुहार से ठंडाए हुए पवन में, तट पर खड़े कल्पवृक्ष की
छाया में अपनी तपन जल में मिटती हुई। १. सलिल - [सलति गच्छति निम्नम् - सल् + इलच्] पानी।
धूमज्योतिः सलिल मरुतां संनिपातः क्व मेघः सन्देशार्थाः क्वः पटुकरणैः प्राणिभिः प्रापणीयाः। पू० मे० 5 कहाँ तो धुएँ, अग्नि, जल और वायु के मेल से बना हुआ बादल और कहाँ संदेसे की वे बातें, जिन्हें बड़े चतुर लोग ही पहुँचा सकते हैं। तस्याः किंचित्करधृतमिव प्राप्तवानीरशाखं हृत्वा नीलं सलिलवसनं मुक्तरोधोनितम्बम्। पू० मे० 45 अपने तट के नितम्बों पर से जल के वस्त्र खिसक जाने पर, लज्जा से अपनी बेंत की लताओं के सदृश हाथों से अपने जल का वस्त्र थामे हुए है। हेमाम्भोज प्रसवि सलिलं मानसस्याददानः कुर्वन्कामं क्षणमुख पट प्रीतिमैरावतस्य। पू० मे० 66 तुम उस मानसरोवर का जल पीना जिसमें सुनहरे कमल खिला करते हैं, फिर ऐरावत के मुंह पर थोड़ी देर कपड़े-सा छाकर उसका मन बहला देना। मन्दाकिन्याः सलिल शिशिरैः सेव्यमाना मरुद्भिर्मन्दाराणामनुतटरुहां छायया वारितोष्णः। उ० मे06 मंदाकिनी के जल की फुहार से ठंडाए हुए पवन में, तट पर खड़े हुए कल्पवृक्षों की छाया में अपनी तपन मिटती हुईं।
उद्यान
1. उद्यान - [उद् + या + ल्युट्] बाग, बगीचा, प्रमोदवन।
गन्तव्या ते वसतिरलका नाम यक्षेश्वराणां बाह्योद्यान स्थितहरशिरश्चन्द्रिका धौत हा। पू० मे० 7 तुम्हें कुबेर की अलका नाम की उस बस्ती को जाना होगा, जहाँ के भवनों में,
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