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कुमारसंभव
सुन्दरता में एक दूसरे से बढ़े-चढ़े हुए इस जोड़े का यदि विवाह न होता, तो हम
यही समझते। 9. श्री :-स्त्री० [श्रिन+क्विप्] सौन्दर्य, चारुता, लालित्य, कान्ति।
तेषामाविरभूद् ब्रह्मा परिम्लान मुख श्रियाम्। 2/2 जब उदास मुँह वाले देवताओं के सामने ब्रह्मा जी उसी प्रकार आकर प्रकट हो गए। तथातितप्तं सवितुर्गभस्तिभिर्मुखं तदीयं कमलश्रियं दधौ। 5/21 इस प्रकार तप करते रहने पर भी उनका मुख सूर्य की किरणों से तपकर कुम्हलाया नहीं, वरन् कमल के समान खिल उठा। तदाननश्रीरलकैः प्रसिद्धैश्चिच्छेद सादृश्य कलाप्रसङ्गम्। 7/16 कोई भी ऐसा न दिखाई दिया, जो उनके गुंथी हुई चोटी वाले मुख की सुन्दरता के आगे ठहर सके। बभूव भस्मैव सिताङ्गरागः कपालमेवामल शेखर श्रीः। 7/32 उनके शरीर पर पुती हुई चिता की भस्म उजला अंग राग बन गई, कपाल ही गले
के सुन्दर आभूषण बन गए। 10. सौन्दर्य :-[सुन्दर+ष्यञ्] सुन्दरता, मनोहरता, लावण्य।
तां वीक्ष्य लीला चतुरामनङ्गः स्वचाप सौन्दर्यमदं मुमोच। 1/47 वे भौंहें इतनी सुन्दर थीं कि कामदेव भी अपने धनुष की सुन्दरता का जो घमण्ड लिए फिरते थे, वह इन भौंहों के आगे चूर-चूर हो गया। सा निर्मिता विश्व सृजा प्रयत्नादेकस्थसौन्दर्यदिदृक्षयेव। 1/49 इसलिए तो उन्होंने सुंदर अंगों की उपमा में आने वाली सारी वस्तुएँ बटोर कर, उन्हें सब अंगों पर यथा स्थान सजाकर सुन्दरता की मूर्ति पायी। कुले प्रसूतिः प्रथमस्य वेधसस्त्रिलोक सौन्दर्य मिवोदितं वपुः। 5/41 ब्रह्मा के वंश में तो आपका जन्म, शरीर भी आपका ऐसा सुन्दर मानो तीनों लोकों की सुन्दरता आप में ही लाकर भरी हो।
कामवधू 1. कामवधू :-रति, कामदेव की पत्नी।
अवा मोहपरायणा सती विवशा कामवधूर्विबोधिता। 4/1
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