________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रघुवंश
उस प्रातः काल के चन्द्रमा के समान दिखाई दे रहे थे, जिसकी गोद में धुंधली मृग की छाया हो। रेखाभावदुपारूढ़ः सामग्यमिव चन्द्रमाः। 17/30
मानो एक कला वाले चन्द्रमा में तुरंत सोलहों कलाएँ आ गई हों। 6. तमोनुद :-[तम्+असुन्+ नुदः] सूर्य, चन्द्रमा।
नरेन्द्र कन्यास्तमवाप्य सत्पतिं तमोनुदं दक्षसुता इवाबभुः। 3/33 जैसे दक्ष कन्याएँ चन्द्रमा जैसे पति को पाकर प्रसन्न हुई थीं, वैसे ही राजकुमारियाँ
भी रघु को पाकर प्रसन्न हुईं। 7. द्विजराज :-चन्द्रमा का विशेषण।
इत्थंद्विजेन द्विजराज कांतिरावेदितो वेदविदांवरेण। 5/23 जब वैदिक ब्राह्मणों में सर्वश्रेष्ठ कौत्स ने यह कहा तब चन्द्रमा के समान सुंदर
परम धार्मिक रघु बोले। 8. नक्षत्रनाथ :-[न+अत्रन्+नाथः] चन्द्रमा।
दिवाकरादर्शनबद्धकोशे नक्षत्रनाथांशुरिवारविन्दे। 6/66
जैसे सूर्य के न रहने पर बंद कमल के भीतर चन्द्रमा की किरणें नहीं पहुच पातीं। १. शशांक :-[शश्+अच्+अङ्कः] चाँद, चन्द्रमा।
रघुः शशांकार्धमुखेन पत्रिणा शरासनज्याममलुनाद्विडौजसः। 3/59 तब रघु ने अर्द्धचन्द्र के आकर के बाण से इन्द्र की ठीक कलाई के पास धनुष की वह डोरी काट डाली। निमीलितानामिव पंकजानां मध्ये स्फुरन्तं प्रतिमाशशांकम्। 7/64 मानो मुँदे हुए कमलों के बीच में चंद्रमा चमकता हो।। अन्वगात्कुमुदानंदं शशांकमिव कौमुदी। 17/6 जैसे कुमुदों को खिलाने वाले चन्द्रमा के अस्त होने के साथ-साथ चाँदनी भी छिप जाती है। 10. शशि :-पुं० [शशोऽस्त्यस्य इनि] चाँद, चन्द्रमा। बिभ्रती श्वेतरोमांकं संध्येव शशिनं नवम्। 1/83 वह ऐसी जान पड़ती थी जैसे लाल संध्या के माथे पर द्वितीया का चन्द्रमा चढ़ आया हो। तनुप्रकाशेन विचेयतारका प्रभातकल्पा शशिनेव शर्व। 3/2
For Private And Personal Use Only