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कालिदास पर्याय कोश 7. स्वर्ग :-[स्वरितं गीयते :-गै + क, सु + ऋज् + घञ्] बैकुंठ, इन्द्र का स्वर्ग।
मोक्षध्वे स्वर्गवन्दीनां बेणीबन्धानदूषितान्। 10/47 स्वर्ग की जिन स्त्रियों को अपने यहाँ बंदी किया है, आप लोग ही उन बंदी स्त्रियों के जूड़े अपने हाथों से खोलेंगे। अन्वगादिव हि स्वर्गो गां गतं पुरुषोत्तमम्। 10/72 मानो विष्णु भगवान के साथ-साथ स्वर्ग भी पृथ्वी पर उतर आया हो। पीडयिष्यति न मां खिलीकृता स्वर्ग पद्धतिर भोगलोलुपम्। 11/87 मुझे भोग की तो इच्छा है नहीं, इसलिए यदि मुझे स्वर्ग न भी मिले, तो कुछ दुःख नहीं होगा। कृताञ्जलिस्तत्र यदम्ब सत्यानभ्रश्यत स्वर्ग फलाद्गुरुर्नः। 14/16 राम ने हाथ जोड़कर कैकेयी से कहा :-माँ ! तुम्हारे ही पुण्य के प्रताप से हमारे पिताजी, अपने उस सत्य से नहीं डिगे, जिससे स्वर्ग मिलता है। त्रिदशीभूतपौराणां स्वर्गान्तरमकल्पयत्। 15/102 इसलिए इतने लोग स्वर्ग में पहुँच गए कि सामर्थ्यशाली राम को एक दूसरा स्वर्ग बनाना पड़ा।
स्वसा
1. अनुजा :-[अनु + जन् + ड, क्त वा] छोटी बहन।
पार्थिवीमुदवहद्रघूद्वहो लक्ष्मणस्तदनुजामथोर्मिलाम्। 11/54
राम का सीता से और लक्ष्मण का सीता की छोटी बहन उर्मिला से विवाह हुआ। 2. वरजा :-छोटी बहन।
प्रलोभिताप्या कृतिलोभनीया विदर्भराजा वरजा तयैवम्। 6/58 विदर्भ राज की छोटी बहन सुंदरी इंदुमती, अपनी दासी की लुभावनी बातों को सुनकर। अमँस्त कण्ठार्पित बाहुपाशां विदर्भराजावरजां वरेण्यः। 6/84 अज ने यही समझा मानो विदर्भ राज की छोटी बहन इंदुमती ने मेरे गले में अपनी भुजाएं ही डाल दी हों। रावणावरजा तत्र राघवं मदनातुरा। 12/32
काम से पीड़ित रावण की छोटी बहन शूर्पणखा राम के पास जा पहुंची। 3. स्वसा :-[सू + अस् + ऋन्] बहन, भगिनी।
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