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रघुवंश
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सुन्दरी
1. सुन्दरी : - [ सुन्द + अर् + ङीप् ] मनोरम स्त्री । बभूवुरित्थं पुरसुन्दरीणां त्यक्तान्यकार्याणि विचेष्टितानि । 7/5
उनको देखने के लिए नगर की सुंदरियाँ अपना-अपना काम छोड़कर । 2. सुवदना :- सुन्दरी, मनोरम स्त्री ।
सुवदनावदनासवसंभृतस्तदनुवादिगुणः कुमोद्गमः । 9 / 30
बकुल के जो वृक्ष सुन्दरी स्त्रियों के मुख की मदिरा के कुल्ले से फूल उठे थे ।
सुर
1. दिवौकस : - [ दिव + औकसः ] स्वर्ग का रहने वाला, देवता ।
न केवलं सद्मनि मागधीपतेः पथि व्यजृम्भन्त दिवौकसामपि। 3/19 केवल सुदक्षिणा के पति दिलीप के ही राजभवन में ही नहीं, वरन् आकाश में देवताओं के यहाँ भी नाच-गान हो रहा था ।
भोगिभोगासनासीनं ददृशुस्तं दिवौकसः । 10/7
देवताओं ने देखा कि विष्णु भगवान् शेष- शय्या पर लेटे हैं।
2. देव :- [ दिव् + अच्] देव, देवता ।
निशम्य देवानुचरस्य वाचं मनुष्यः देवः पुनरप्युवाच । 2/52
राजा ने एक ओर देवताओं के अनुचर सिंह की बातें सुनी और दूसरी ओर कातर गाय को देखा, फिर वे बोले ।
अथोरगारव्यस्य पुरस्य नाथं दौवारिकी देवसरूपमेत्य । 6/59 तब सुनंदा उसे देवता के समान मनोहर नागपुर के राजा के पास । साधयाम्यहम विघ्नमस्तु ते देवकार्यमुपपादयिष्यतः । 11 / 91 आप देवताओं का जो कार्य करने के लिए आए हैं, वह निर्विघ्न पूरा हो ।
वृषेव देवो देवानां राज्ञां राजा बभूव सः । 17/77
जैसे इन्द्र देवताओं के देवता हैं, वैसे ही वे भी राजाओं के राजा हो गए।
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दधुः शिरोभिर्भूपाला देवाः पौरंदरीमिव । 17/79
जैसे देवता लोग इंद्र की आज्ञा मानते हैं, वैसे ही राजा लोग भी अपने छत्र
उतारकर ।