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रघुवंश
369 या तो मैं इस बात को अनसुनी ही कर दूँ और टाल जाऊँ, या फिर निर्दोष पत्नी
को सदा के लिए छोड़ दूँ। 9. दयिता :-[दय् + क्त + टाप्] पत्नी, प्रेयसी।
निवर्त्य राजा दयितां दयालुस्तां सौरभेयीं सुरभिर्य शोभिः। 2/3 कोमल हृदय वाले राजा दिलीप ने अपनी पत्नी को लौटा दिया और अपने आप उस नंदिनी की रक्षा करने लगे, जो ऐसी प्रतीत होती थी। भावावबोध कलुषा दयितेव रात्रौ निद्रा चिरेण नयनाभिमुखी बभूव।
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इसी उलझन में पड़े रहने के कारण रघु की आँखों में रात को उसी प्रकार बहुत विलंब से नींद आई, जैसे पति के मन को न जानने वाली नई बहू अपने पति के पास विलंब से जाती है। नृपतेरमरस्रगाप सा दयितोरुस्तन कोटिसुस्थितम्। 8/36 वही माला अचानक राजा अज की पत्नी इंदुमती के बड़े-बड़े स्तनों के ठीक बीच में आकर गिरी। दयितां यदि तावदन्वगाद्विनिवृत्तं किमिदं तया बिना। 8/50 मेरे ये नीच प्राण, जब प्रिया के साथ-साथ एक बार चले गए थे, तब ये लौट क्यों आए। शशिनं पुनरेति शर्वरी दयिता द्वन्द्वचरं पतत्त्रिणम्। 8/56 देखो चंद्रमा को रात्रि फिर मिल जाती है, चकवे को उसकी पत्नी चकवी भी
प्रातः मिल ही जाती है। 10. दारा :-[दृ + धञ्] पत्नी।
गुरोः सदारस्य निपीड्य पादौ समाप्य सांध्यं च विधिं दिलीपः। 2/23 गौ की पूजा हो जाने पर राजा दिलीप ने पहले वशिष्ठ जी और उनकी पत्नी अरुंधती जी के चरणों की वंदना की, फिर अपने संध्या के नित्य कर्मों को समाप्त किया। स्नात्वा यथाकाममसौ सदारस्तीरोपकार्यां गतमात्र एव। 16/73 रानियों के साथ इच्छानुसार जल-क्रीडा करके जब कुश बाहर निकले और डेरे
में गए।
11. धर्मपत्नी :-[ध्रियते लोकोऽनेन, धरतिलोकं वा धृ + मन् + पत्नी] वैध पत्नी।
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