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रघुवंश
जब दिलीप के पीछे रघु राजा हो गए। 3. मागधी पति :-दिलीप।
न केवलं सद्मनि मागधी पतेः पथि व्यजृम्भन्त दिवौकसामपि। 31/19 न केवल सुदक्षिणा के पति दिलीप के ही राजमंदिर में वरन् आकाश में देवताओं के यहाँ भी नाच गान हो रहा था।
दीधिति 1. अंशु :-[अंश्+कु] किरण, प्रकाशकिरण।
कुसुमचापमतेजयदंशुभिहिमकरो मकरोर्जित केतनम्। 9/39 उसकी ठंडी किरणों से कामदेव के फूलों के धनुष को मानो और भी अधिक बल मिल गया हो। अस्त्र :-[अस्+ष्ट्रन्] किरण। शरैरुस्त्रैरिवोदीच्यानुद्धरिष्यन्रसानिव। 4/66 जैसे सूर्य अपनी तीखी किरणों से पृथ्वी का जल खींचने के लिए उत्तर की ओर
घूम जाता है। 3. दीधिति :-[दीधी+क्तिन्, इट, ईकारलोपश्च] प्रकाश की किरण, आभा, उजाला।
पुपोष वृद्धिं हरिदश्च दीधितेरनुप्रवेशा दिव बालचन्द्रमाः। 3/22 ऋणों से मुक्त होकर अज वैसे ही शोभित हुए, जैसे मंडल से छूटकर सूर्य शोभा
देता है।
न तस्य मण्डले राज्ञो न्यस्तप्रणिधिदीधितेः। 17/48 वैसे ही अतिथि ने चारों ओर दूतों का ऐसा जाल बिछा दिया कि प्रजा की कोई
बात उनसे छिपी नहीं रह जाती थी। 4. पाद :-[पद्+घञ्] प्रकाश की किरण।
वेलासकाशं स्फुट फेन राजिनवैरुदन्वानिव चन्द्रपादैः। 7/19
जैसे चन्द्रमा की नई किरणें समुद्र की उजली झाग वाली लहरों को खींचकर दूर किनारे तक ले आती हैं। तापापनोदक्षम पादसेवौ स चोदयस्थौ नृपतिः शशीच। 16/53 एक तो सेवा से प्रसन्न होकर संतापों को दूर करने वाले राजा कुश और दूसरे शीतल किरणों से गर्मी का ताप दूर करने वाले चन्द्रमा।
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