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५६८
२१५
श्राम
३८
| श्रीमत्
२०३ ५४
२१
२०३
२१० ९, २१५
२१५ २१६ २५७
ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः अकारादिशब्दाः
पृष्ठाङ्काः । अकारादिशब्दाः श्राद्धदेव (विश्वेदेवाः) २४१ | श्रीनीलकण्ठसख=(कुबेर:) श्राद्धारम्भ
२२ | श्रीपति
१४, .१६ श्रीपतिभ श्रावण
१४, १४ | श्रीपुत्र श्रावणपूर्वज
| श्रीभ्रातृ श्रावणानुज
१४ | श्रीमकुट श्रावणिक श्रावणी
| श्रीमत्कुम्भ श्रित (आश्रितः, संलग्न:) १४६ | श्रीमुख श्रितवत् (श्रितः),
श्रीराग श्री
१०, ३६, ४३ | श्रीवत्स श्रीकण्ठ
२२८, २४६ | श्रीवत्साङ्क श्रीकर
२१५ | श्रीवराह श्रीकर्ण
२२२ श्रुत श्रीकृष्ण
| श्रुतकर्मन् श्रीकृष्णचन्द्र
२२४ श्रुतदेव=(देवविशेष:), श्रीकृष्णजनक
२२४
| श्रुतदेवी श्रीकृष्णजननी
२२४ | श्रुतधनजन श्रीकृष्णनिवासग्राम
२२६ श्रीकृष्णपुत्र
२२७ | श्रुतवारपारग श्रीकृष्णावास
२२६ श्रुतिश्रवोऽनुज
२०३ | श्रुति श्रीगर्भ
२१६ | श्रुतिजननी श्रीच्छत्र
| श्रुतितपस् श्रीद
२४६ | श्रुतिनियम श्रीदत्त
२१५ | श्रुतिप्रक्रम श्रीधर
२१५ श्रुतिमुख श्रीधामांश
१२८ श्रुतिवारपारग=(विद्वान्) श्रीनन्दन
| श्रुतिविद् श्रीनाथ
७, १३० | श्रुतिवेधकर्मन् श्रीनिवास
२१५ श्रुतिवेधन
५२
४९
२५६
| श्रुतर्षि
१९८
२५६
श्रीकेतन
७, १२१
२०८ १३६
१३०
१३६ २१२
२२०
२५६
१३४
१३४
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