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३९४
ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः
८६ ।
पृष्ठाङ्काः
८६ ८९
३४
त्रिंशद्भाग त्रिशल्लव
१०४
१०४ १०४, २१८
७४, १२१
७६
१२४
८०
त्रिदशगुरु
४७
८५
२२०
अकारादिशब्दाः
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः त्रिंशतितम
| त्रिचत्वारिंशत्तम त्रिंशत्तम
८४, ८६ त्रिचरण १२९ |त्रिजगन्नमस्य
१२९ त्रिजीवा त्रिंशांश
१२९ | त्रिज्या त्रिंशांशक
१२९ त्रिणता ७०, ७३, ७४, ७४, | त्रितनु
७४, ७४ | त्रितय त्रिक
७४, १३१ | त्रित्रिक त्रिकपूर्वा
८ त्रित्रिकोण त्रिककुद्
२१५ ।
| त्रिदश त्रिकालम् = (कार्यकालतत्पूर्वा- त्रिदशक
परकालानि) त्रिकालज्ञ=(सर्वज्ञः)
त्रिदशतम त्रिकालदर्शिन(भूतभविष्यद्वर्तमानवेत्ता) त्रिदशदीर्घिका त्रिकालविद्
२०६ त्रिदशदोषविद् त्रिकृति
७६ | त्रिदशन् त्रिकृत्व
| त्रिदशनाथगुरु त्रिकोण
१२२, १३५, १२४ | त्रिदशपगुरु त्रिकोणगृह
१२६ | त्रिदशपतिगुरु त्रिकोणभ
त्रिदशपतीज्य त्रिकोणभवन
१२६ | त्रिदशराजगुरु त्रिकोणलं
१२६ | त्रिदशवन्ध त्रिकोत्तरा
८ त्रिदशसचिव त्रिगुण (सत्त्वादयः),
त्रिदशसद्मदिवाकृत् त्रिगुणा
त्रिदशाचार्य त्रिघन
| त्रिदशायुध
त्रिदशारातीज्य त्रिचतुष्क
त्रिदशार्चित त्रिचत्वारिंश
८६ त्रिदशाज़ त्रिचत्वारिंशत्
त्रिदशालय
८९
४८
४८
१२६
x
४८
४७
५८
५४
४७
२३८
त्रिचतुर
४७
४७
१९८
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