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३५८
गवेडु
२०८
गाङ्गी
गाडव
ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः अकारादिशब्दाः पृष्ठाङ्काः । अकारादिशब्दाः
पृष्ठाङ्काः गवांविभु ३२ | गार्धपक्ष
२२० २३८ | गार्हपत्य
२३९, २४१ गवेद्ध २५५ | गिर्
४९ गव्य गोरसविशेषः
गिरा
४९, १२१, २०८ गव्या
६६, १०३ | गिरादेवी . गव्यूत
| गिरांपति
४७ गव्यूति:
गिरांस्वामिन्
४७ गहन
३७ गिरि
१२३, २०३, २२८ गहरी
गिरिकण्टक
२३८ 'गा'
गिरिकर्णिका
४५ गाङ्गिन् भीष्मः
गिरिजा
२३१, २४३
२२ | गिरिजातिथि गाङ्गेय
२०३, २३३ गिरिश ६, ४७, २०६, २२७ २३८ | गिरिस्तनी
४५ २५२ गिरीश
२२७ गातु ४५, २४७ | गिरोरमण
४७ २११ गिर्देवी
२०८ गान २१०, २५९ / 'गी'
५, १२१ गान्दिनी
गी:पति
६, ४७ २१०, २१३, २४७
२१०, २४७ गान्धर्ववेद २११ गीति
२१० गान्धर्वी २३१ | गीरथ
४७ गान्धार
२०९, २०९ | गीर्पति गुरुः गान्धारी
२१० गीर्वाण गान्धिनी २२९ | गीर्वाण
१९७ गाभस्तेय
| गीर्वाणगुरु
४७ गामिन् ७४, १४७, १६१ / गीर्वाणनाथ
२७१ गायत्री
गीर्वाणनाथसचिव गारुड
२०३, २१३ गीर्वाणराजार्चित गारुत्मत केतुरत्नम्
गीर्वाणवन्ध
४७ गार्गी २३१ | गीर्वाणेज्य
४७
गाढ
गात्र
२२९ |
गान्धर्व
गीत
१९७
७५
४८
४८
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