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SM Mahavam
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kende
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अर्थ
संयमश्रेणीनुं स्तवनम्
सहित
संयम स्थानिकनाज अविभाग तेहने असंख्याता लोका काशना जे प्रदेश तत गुणा करीए तावत् प्रमाण जे अनंत गुण वृद्ध ते पूर्व संयम स्थानकना विभाग सर्व जीवा नंतकारे गुणीए तावत् प्रमाण एह संयमनां षट् स्थानक क. संयम श्रेणी गर्भित वीर परमेश्वर स्तवता तथा वली क्षमागुणे करीने विजय कर्यो छे मोह ते जेणे यतः अणुत्तराए खंतिएत्ति वचनात् एहवा जिन क. वीतराग श्री वीरस्वामी तेहनी भक्तिथी उत्तम जीव भवसमुद्रना पार पामे सिद्ध परमेश्वर थाय एतावता पंडित श्री क्षमाविजय गणि तत् शिष्य पं०जिनविजय गणि तेनी भक्तिथी उ०० उत्तम विजय भवनो पार पामे एपण जणाव्यु ॥२२॥ हवे पूर्वोक्त संयम स्थानक सुगम थाय ते माटे यंत्रनो ढाल वीर प्रभुनी स्तवना करतां थकां कहिये छीये॥ इति संबंद्ध ॥ ___ ढाल-वीजी-सूरती महीनानी ॥ धीर पुरे एक शेठने पर्वदिने व्यवहार ॥ए देशी॥
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