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Shi Mahavir Jain Aradhana Kendis
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आंशुपात करतां थकां जीरे, जिन तनुठविया तामरेजीरे ॥ पद० ॥ ११ ॥ गणधरादि एणि परेंजीरे, वली मुनिनां शरीररेजीरे ॥ चयमें जीनतनु ठवतां जीरे, सोहम वडो सुधीररेजीरे ॥ पद० ॥ १२ ॥ | अग्नि कुमारे विकुरव्योजीरे, अग्नि उच्छाहर रहीतरेजीरे ॥ वायु कुमारे वायरोजीरे, इमकरे निजनिज जीतरेजीरे ॥ पद० ॥ १३ ॥ अन्य देवा धणुं उलटेजीरे, अगर चंदनलेइ साररेजीरे ॥ काष्टमांहे नांखे तदाजीरे, सिंचित घृत मधू धाररेजीरे ॥ प० ॥ १४ ॥ प्रभु शरीर ज्वलतां थकांजीरे, जोतां | हरी स सनेहरेजीरे ॥ तिम गणधरनें मुनिवराजीरे, निरजीत हुइ तस देहरेजीरे ॥ प० ॥ १५ ॥
दूहा — अच्युत देव आदेशथीरे, मेघमाली मनोहार ॥ नीर वरसावे यूक्तिथी, ओल्हवी चय तेणीवार ॥ १ ॥ चतुर सनेही मोहनां ॥ ए देशी ॥ तद नंतर सोहमपति, देव राया शिरदारोरे ॥ वाम पासानी दाढालीएं, उपरनी श्री कारोरे, मोक्ष कल्याणक भविसेवो, अनंत अनंत दुःख खेवोरे ॥ मो० ॥ ॥ आं० इशान इंद्र दाढालीएं, वाम पासानी उपरनीरे ॥ जमणी पासा चमरेंद्रे, दाढालीएं हेठ लनीरे ॥ मो० ॥ २ ॥ बलिंद्रलीएं वाम पासनी, अधो दाढा उल्लासरे ॥ अंगोपांग
सहु हरीलीयें,
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