________________
ShiMahayeJainrachanaKenctre
www.kobatirth.org
charya Shm Kailassagersurievanmandir
नाथ
IP कलश-चोविश जिनवर तणो अंतर, भण्यो अति उल्लास ए; संवत सत्तर तहोंतेरे एम, रही सुरत है। श्रीचतु.
शांतिदेश गुण
|चोमासु ए; संघ तणे आग्रहे ग्रही में,श्री विमल विजय उवझाय ए; तस शिष्य रामें तस नामे, वर्यो स्थान जय जय कार ए ॥१॥
स्तवनम् "इति श्री चोविश जिन आंतरानुं स्तवन सम्पूर्ण" ॥१३०॥
"श्री शांतिनाथ स्तुतिगर्भित चतुर्दश गुणस्थान स्तवन" ॥ दुहा ॥ सकल मंगल करण सदा, श्री शांतिनाथ गुणगेह; तस मुख पंकज वासिनी, प्रणमुं |सरश्वती तेह ॥१॥बे कर जोडी वीन, सुणजो स्वामी कृपाल; कर्मजोगे ए जीवडो, भम्यो
अनंतो काल ॥२॥ विण गुण ठांणक जाणता, किंम लहीए सुध धर्म; तेणे हुं संक्षेपे कहूं, जिम दा॥१३०॥ पंथ कुपंथ समजाय ॥३॥
ढाल १ -ली॥ चोपाइ ॥ अशो सुदि सातम सुविचार, ओली माडी स्त्री भरतार;॥ए देशी॥प्रथम
ॐॐॐॐॐॐक
For Pale And Personal use only