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॥ ॐ परमेष्ठिने नमः ॥ ॥ वन्दे श्रीवीरमानन्दम् वन्दे बल्लभसद्गुरुम् ।।
श्रीकल्पसूत्र का हिन्दी अनुवाद
श्री १००८ श्रीमदुपाध्याय विनयविजयजी महाराज विरचित
सुबोधिका टीका का हिन्दी भाषांतर [श्री कल्पसूत्र जो सर्व शास्त्रों में शिरोमणि है और जिस के प्रति जैन के बच्चे २ की श्रद्धा और भक्ति है उस पर अनेक पूर्वपुरुषोंने अनेक टीकायें रची हैं जिनमें से उपाध्याय श्री विनयविजयजी म.की.सुबोधिका नामकी टीका बहोत ही प्रख्यात और आदरणीय है उसका यह अक्षरशः हिन्दी भाषांतर किया जाता है।]
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