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उल्व
उल्व पुं०[सं.] उल्ब; ओर (२) गर्भाशय उशीर पुं० [सं.] खस; वीरण उषा स्त्री० [सं.] अरुणोदय के तेनी लालिमा
उष्ट्र पुं० [सं.] ऊंट [ (३) डुंगळी उष्ण वि० [सं.] गरम (२) पुं० उनाळो उष्णता स्त्री०, -स्व पुं० [सं.] गरमी ताप उष्णीव पुं० [सं.] पाघडी; साफो (२) मुगट उष्म पुं०, -ष्मा स्त्री० [ सं . ] गरमी उस सर्व ० विभक्तिओमां यतुं 'वह' नं रूप. जेम के ' उसने, उसको उसकन पुं० वासण मांजवानो कूचो उसनना स०क्रि० उकाळवु (२) पकाववुं उसनाना स० क्रि० 'उसनना' नुं प्रेरक उसाँस, उसास स्त्री ० लांबो श्वास उसासी स्त्री० अवकाश; छूटी उसी स० 'उस ही'; ए ज
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म, ऊँघ, ऊँघन स्त्री० जरा ऊंघनं शोकुं आववुं ते; ढणको ऊँगा पुं० अपामार्ग; अंघेडो - एक छोड ऊँघना अ० क्रि० ऊंघनं झोकुं खावुं; जरा ऊंघ आवी जवी ऊँच वि० ऊंच
ऊँचनीच वि० ऊंचुनीचुं (२) नानुं मोटं (३) भलुंबूरुं सारंनरसुं; लाभालाभ ऊँचा वि० ऊंचं. नीचा सुनाना = सारं माठु कहेनुं; वढवु. - बोल = गर्वनी वाणी. - सुनना = ओछु सांभळवं ऊँचाई स्त्री० ऊंचाई (२) मोटाई; श्रेष्ठता
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आबाई
उलीला पुं० अठींगण (२) ओशीकुं उसूल पुं० [ अ ] सिद्धान्त उसूलन् अ०[अ.]सिद्धांतथी; सिद्धांत पूर्वं क उस्त (स्तु) रा पुं० अस्तरो; 'उस्तुरा' उस्त (स्तु) वार वि०, री स्त्री० जुओ 'उस्तुवार'
उस्ताद पुं० [फा.] शिक्षक, गुरु (२) वि० उस्ताद; चालाक ( ३ ) निपुण ( नाम -दो स्त्री० ) उस्तानी स्त्री० [फा.] गुरुपत्नी ( २ ) शिक्षिका ( ३ ) चालाक, ठगारी स्त्री उस्तुरा पुं० [फा.] अस्तरो उस्तुवार वि० [फा.] मजबूत ( २ ) सपाट (३) सीधुं ; सरळ ( नाम, -री स्त्री० ) उहवा पुं० [अ.] होद्दो; 'ओहदा ' उहाँ, उहाँ अ० 'वहाँ'; त्यां उही, उहें स० 'वही'; ते ज
ऊँचे अ० ऊंचे; उपर (२) ऊंचेथी; जोरथी ( बोलवु ). ( पैर) ऊँचनीचे पड़ना = खराब टेवमां के बूरा काममा फसा ऊँछना अ० क्रि० ओळवं.
ऊँट पुं० ऊंट •वान पुं० ऊंटवाळो ऊँड़ा वि० ऊंड (२) पुं० चरु (३) भोंयरुं
ऊँदर पुं० उंदर
ॐहूँ अ० ना, नहीं बतावतो उद्गार अ० ( प. ) 'भी' ; पण (२) स०ते; 'वह' बाई विका; व्यर्थ ; (२) उंगघडा विनानुं ( ३ ) स्त्री० खोटो गभराट
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