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आलाइश
आराति आराति पुं० [सं.] शत्रु; वेरी . आत्ति स्त्री० [सं.] पीडा; दुःख आराधना स्त्री० [सं.] पूजा; उपासना आर्थिक वि० [सं.] अर्थ संबंधी (२) स० क्रि० आराधq; पूजq आर्च वि० [सं.] भीy . आराम पुं० [सं.] बाग (२) [फा.] चेन; आर्दा स्त्री० [सं.] एक नक्षत्र (२) आएं सुख (३) थाक खावो ते. आरामसे= आर्य,र्य वि० [सं.] उत्तम; श्रेष्ठ (२) निरांते; फुरसदे; धीरे धीरे
पुं० श्रेष्ठ पुरुष आराम-कुरसी स्त्री० [फा. + अ.] आराम आर्ष वि० [सं.] ऋषि संबंधी(२)वेदने लगतुं खुरसी
[(२) आळसु आलंब,०न पुं० [सं.] आलंबन ; टेको; आराम-तलब वि० [फा.] आरामप्रिय
आधार आरास्ता वि० [फा.] सजेलु . आल पुं० हरिताल (२) झंझट; पंचात आरिफ़ वि० [अ.] संतोषी (२) पुं० साधु (३) [सं. आर्द्र] भीनाश (४) स्त्री० आरियत स्त्री० [अ.] उछीनुं मागी [अ.] दीकरीनी संतति (५) वंश आणवू ते
आल-औलाद स्त्री० [अ.] बाळबच्चा; आरिया स्त्री॰ [सं. आरू] आरियुं:चीभडं
परिवार आरी स्त्री० आरी; नानी करवत (२) आलकस पुं० आळस (-सी वि० आळसु. परोणानी आर (३) मोचीनी आरी -सना अ०क्रि० आळसवू) (४) [सं. आर] बाजू ; तरफ (५) कोर
आल-जंजाल स्त्री० झंझट; जंजाळ आरी वि० [अ.] थाकेलं; कंटाळेलं. आलथी-पालथी स्त्री० बंने पग जांघ -आना= कंटाळवं; थाकवं.
पर चडावीने बेसवार्नु आसन आरूढ़ वि० [सं.] सवार थयेलं; चडेलं आलपीन स्त्री० [पो. आलफिनेट]. (२) दृढ ; मक्कम (३) तैयार; तत्पर टांकणी; पिन । आरोग,-य वि० नीरोगी; तंदुरस्त आलबाल पुं० आलवाल; क्यारो आरोगना स० कि० आरोगq; खावू . आलम पुं० [अ.] दुनिया (२) दशा (३) आरोग्यता स्त्री० तंदुरस्ती; स्वास्थ्य
भीड; समूह आरोप पुं० [सं.] आक्षेप; तहोमत (२) । आलमारी स्त्री० जुओ 'अलमारी' खोटी कल्पना के आरोपण । आलय पुं० [सं.] जगा (२) घर आरोपना सक्रि० (प.) आरोपवू (२) आलवाल पुं० [सं.] क्यारो लगाववू; रोपवू
आलस वि० आळसु (२) पुं० आळस आरोह पुं० [सं.] उपर चडवू ते (२) : आलसी वि० आळसु चडाई (३) ऊगर्बु ते
__ आलस्य पुं० [सं.] आळस आरोही वि० [सं.] चडनारु (२) पुं० सवार आला पुं० सं. आलय] ताको; गोख ' आर्जव पुं० [सं.] ऋजुता; सरळता । (२) [सं. आर्द्र भीy (३) वि० [अ.] आर्टिकिल स्त्री० [इ.] लेख . उत्तम; श्रेष्ठ (४) पुं० [अ.] ओजार आर्त वि० [सं.] 'आरत'; दुःखी; व्याकुळ आलाइश स्त्री० [फा.] गंदकी; मळ
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