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आदान-प्रदान
नियम
आदान-प्रदान पुं० [सं.] आपले ; लेवं देवं ते आदाब पुं० [अ. 'अदब' नुं ब०व०] (२) अदब मर्यादा ( ३ ) नमस्कार; सलाम. - अर्ज करना=प्रणाम करवा. - व - अल्काब = अदब अने विवेकनां विशेषणोनी भाषा, जेवी के पत्रमां वपराय छे
आदि पुं० [सं.] प्रारंभ. (२) परमेश्वर (३) वि० प्रथम; शरूनुं (४) अ० वगेरे आदित्य पुं० [सं.] सूर्य आदिम वि० [सं.] आदि; पहेलुं आदिल वि० [फा.] अदल; न्यायी आदी वि० [अ०] आदतवाळु; टेव पडेलुं आदेश पुं० [ सं . ] आज्ञा (२) उपदेश (३) ( साधुओमां) नमस्कार आद्य वि० [सं.] पहेलुं आद्यन्त, आद्योपान्त वि० [सं.] आदिथी अंत सुधीनुं; पूरेपूरुं
आद्रा स्त्री० आर्द्रा नक्षत्र आप वि० अर्धं (बहुधा समासमा ) आधा वि० [स्त्री० -धी] अर्ध. - तीतर आधा बटेर = दोदश; रफेदफे - होना =अर्धं थई जवुं; दुबळं थवं. आधी बात जरा पण घसाती, अपमानकारी वात. आघोआध = अर्धोअर्ध -आधा पुं० [सं.] स्थापवुं ते (२) गर्भ आधार पुं० [सं.] आशरो; टेको; आलंबन (२) पायो
आधारी वि० आधारवाळं (२) स्त्री० (?) साधुओ टेका माटे अमुक लाकडी राखी बेसे छे ते आधासीसी स्त्री० आधाशीशी आधि स्त्री० [ सं . ] चिंता; फिकर ( २ ) गीरो आधुनिक वि० [सं.] वर्तमान; हालनुं आध्यात्मिक वि० [सं.] आत्मा संबंधी
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आपसदारी
आनंद - बधाई स्त्री० मंगळ उत्सव के प्रसंग आनंद-बन पुं० काशी नगरी आन स्त्री० [सं. आणि = सीमा ] मर्यादा (२) सोगन (३) आण (४) ढंग; रीत; क्षण; जरा वार (५) प्रतिज्ञा; टेक (६) अदब मर्यादा की आनमें झटपट आनक पुं० [सं.] नगारुं; दुंदुभी ( २ ) गरजतुं वादळ
आनन-फानन अ० [अ] झटपट आनना स० क्रि० आणवु लाववुं आन-बान स्त्री० ठाठमाठ
उपनयन
=
आनयन पुं० [सं.] लावबुं ते ( २ ) जनोई ; [अवैतनिक आनरेरी वि० [इं.]' ऑनररी'; मानद; आना पुं० आनो (२) अ० क्रि० आवबुं (३) आवडवु. आ धमकना, निकलना =अचानक आवी पहोंचवं. आया गया अतिथि. आये दिन प्रतिदिन आ रहना पडी जवं. आ लगना पहोंचवुं (२) आरम्भ थवो; बेसवु. आ लेनापकडी लेवुं (२) आक्रमण कर आनाकानी स्त्री० ध्यान पर न लेवुं ते (२) वात टाळवी ते ( ३ ) कानफूसियां करवां ते (४) आनाकानी • आप सर्व० स्वयं; खुद (त्रणे पुरुषमां )(२) 'तमे' के 'ते' ने स्थाने आदर-वाचक उपयोग थाय छे
आपत्ति स्त्री० [ सं . ] दुःख, पीडा (२) वांघो; अडचण (३) दोषारोपण आपद, - दा स्त्री० [सं.] आफत ; पीडा आपस स्त्री० संबंध; भाईंचारो (छठ्ठी सातमी विभक्तिमा प्रायः वपराय छे ) आपसदारी स्त्री० परस्पर व्यवहार; भाईचारो
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