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हमा-तन
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हरबराना हमा-तन अ० पगथी माथा सुधी (२) हरगिज अ० [फा.]कदी; कदापि; हरगिज आखं; बधुं
हरचंद अ० [फा.] जोके; यद्यपि (२) हमाम पुं० जुओ 'हम्माम' [पराई अनेक वार हमाम-दस्ता पुं० हमामदस्तो; खांडणीहमारा स० अमाएं (२) आपणुं हरजाई वि० [फा. ज्यां त्यां भटकतुं हमाल पुं० जुओ 'हम्माल'
(२) स्त्री० कुलटा; भटकण स्त्री हमा-शुमा वि० [फा.] मारा तमारा हरजाना पुं० [फा.] नुकसाननी भरपाई जेवा सामान्य (लोक)
हरण पुं० [सं.] हरवू-लई लेवू ते (२) हमाहमी स्त्री० पोतपोताना स्वार्थनी (गणितमां)भागाकार खेंचताण; अहमहमिका
हरता-धरता पुं० कर्ताहर्ता; पूर्ण हमें स० 'हमको'; अमने (२) आपणने __ अधिकारी हमेल स्त्री० जुओ 'हुमेल'
हरताल स्त्री० एक उपधातु. -फेरना, हमेव पुं० (प.) अहम; अहंता -लगाना = खतम करवू; बगाडी नांखवू हमेशा अ० [फा. हमेशां (नाम, हमेशगी)
हरद,-दी स्त्री० हळदळ; 'हल्दी' हम्द स्त्री० [अ.] ईश्वरस्तुति
हर-दिल-अजीज वि० [फा.] हरेकने प्रिय; हम्माम पुं० [अ.] 'हमाम'; स्नानगृह;
सर्वप्रिय; लोकप्रिय नावणियु (२) गरम पाणीनो बंबो
हरना सक्रि० हरव; लई लेवं (२) हम्माल पुं० [अ.] 'हमाल'; कुली पुं० (प.) हर[; 'हिरन' हय पुं० [सं.] घोडो करवो
हरनी स्त्री० हरणी; मृगली । हयना स०कि० (प.) वध करवो; नाश हरफ़ पुं० 'हर्फ़'. (किसी पर)हया स्त्री० [अ.] लाज; शरम
आना=(कोई पर) एक अक्षर पण हयात स्त्री० [अ] हयाती (२) जिंदगी । आववो; कसूर नीकळवी. -उठाना= हयादार, हयामंद वि० [फा.] शरमवाळं;
अक्षर वांचतां आवडवू. -बनाना= लज्जाळु
सरस अक्षर काढवा (२) दस्तावेजमां हर पुं० [सं.] शिव (२) वि० (समासने कपटथी फेरफार करवो. -बैठाना =
अंते) हरनारुं (३) [फा. दरेक बीबां गोठववां हरकत स्त्री० [अ.] गति (२) चेष्टा; हरफ़गीर पुं० टीकाखोर; दोषदृष्टिवाळं वर्तन; व्यवहार (प्रायः अनि ट) (३) हरफ़गीरी स्त्री० खणखोद; टीकाखोरी; स्वर के तेनां झबर, झेर, पेश इ० चिह्न दोष देख्या करवा ते हरकारा पुं० [फा.] हलकारो; कासद हरफ़त स्त्री० जओ 'हिरफ़त' (२) टपाली
हर-फ़न-मोला पुं० हरेक काममा हरख पुं० (प.) हर्ष; आनंद. ०ना __ आवडतवाळो - होशियार [फळ अ०कि० हरखावं. -खाना अ०क्रि० हरफा रेवडी स्त्री० एक झाड के तेनुं हरखावं (२) सक्रि० हरखाववं हरबराना अ०क्रि० जुओ 'हड़बड़ाना'
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