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सुप्त
सुरना सुप्त वि० [सं.] सूतेलु; ऊंघेलं. -प्ति सुभाषित पुं० [सं.] सारो बोल के वचन स्त्री० ऊंघ; शयन
सुभिक्ष पुं० [सं.] सुकाळ सुफरा पुं० [अ.] दसतरखान (२) 'ट्रे'; __ सुभीता पुं० सरळता; सहेलाई (२)
मोटी परात ['सुपेद, -दी' सुयोग; सवड; अनुकूळता सुफेद वि०, -दी स्त्री० जुओ अनुक्रमे सुम पुं० [फा.] पशुनी खरी; 'टाप' सुफ़फ़ पुं० [अ.] जुओ 'सफ़फ़'; चूर्ण सुमति स्त्री० [सं.] सारी बुद्धि सुबह स्त्री० [अ.] सवार; प्रातःकाळ. सुमन पुं० [सं.] फूल ०दम, ०सवेरे, ०सुबह अ० वहेली सुम (-मि)रन पुं० (प.) स्मरण सवारे
सुम (-मि) रना सक्रि० (प.) स्मरवू सुबहा स्त्री० जपमाळा
सुम (-मि) रनी स्त्री० नानी (२७ सुबहान वि० [अ.] पवित्र. -अल्ला,
दाणानी) जपमाळा -तेरी कुदरत = हर्ष के अचंबो प्रगट सुयश पुं० [सं.] सारी कीर्ति, नामना करनारुं संबोधन - वाह ! धन्य !
सुयोग पुं० [सं.] सारो मोको, लाग सुबास (०ना) स्त्री० सुवास; सुगंध
सुरंग वि० [सं.] सुंदर; सारा रंगवाळू सुबि (-वि)धा स्त्री० सगवड;अनुकूळता
(२) पुं० सारो रंग (३) हिंगळोक सुबिस्ता, सुबीता पुं० जुओ 'सुभीता' (४) स्त्री० फूटती के फोडवानी सुरंग सुबुक वि० [फा.] हलकुं; कम वजननुं (५) चोरनुं खातर (२) सुन्दर; रूपाळं
सुर पुं० [सं.] देव सुबुक-दस्त वि० [फा.] फूर्तिलु; चपळ सुर पुं० सूर; अवाज. -में सुर मिलाना= सुबुकी स्त्री० [फा. हलकापणुं (२) अप- __ हाजी हा करवू; गायु गावं
मान; तुच्छकार घडो (शराबनो) सुरअत स्त्री० [अ.] तेजी; स्फति; जल्दी सुबू स्त्री० जुओ ‘सुबह' (२) पुं० [फा.] सुरकना सक्रि० सीसका साथे खेंचर्चा सुबूत पुं० जुओ 'सबूत'
सुरख,-खा वि० जुओ 'सुर्ख' सुबोध वि० [सं.] सुबुद्धिवाळू (२) समजवू सुरखाब पुं० [फा.] 'चकवा'; चातक. __ सहेल (३) पुं० सारो बोध के समज -का पर लगना=विशेषता होवी सुभग वि० [सं.] सुंदर; मनोरम (२) सुरखी स्त्री० ईंटनो चूरो- झिकाळो भाग्यवान (३) सुखद
(२) जुओ 'सुर्ची' सुभट पुं० [सं.] मोटो योद्धो
सुरज पुं० (प.) सूरज; सूर्य सुभाइ (-उ,-य,-व) पुं० (प.) स्वभाव सुरत पुं० [सं.] रतिक्रीडा सुभाग,-गी,-ग्य [सं.] सारा भाग्य'वाळु; । सुरत (-ता) स्त्री० ध्यान; सरत नसीबदार
सुरती स्त्री० खावानो जरदो-तमाकु सुभान, अल्ला जुओ 'सुबहान,०अल्ला' सुरदार वि० सुरीलं; सुस्वर सुभाय,-व पुं० (प.) स्वभाव सुरधुनी स्त्री० सुरनदी; गंगा सुभाष,-षी वि० [सं.] सारु मीठु बोलनार । सुरना पुं०; स्त्री० [फा.] नफेरी
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