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सिगार
सिगार पुं० [इं.] विलायती मोटी बीडी; 'चिरूट'
सिचान पुं० ( प. ) शकरोबाज सिजदा पुं० [अ] सिजदो; प्रणाम; वंदन सिजल वि० सुंदर; देखावडुं सिझना अ०क्रि० सीझवुं; चडवु; पाकबुं सिझाना स०क्रि० सीझववं; चडववुं; रांधवुं [इस्टापडी सिटकिनी स्त्री० कमाड बारीनी सिटपिटाना अ०क्रि० सपटावु दबावुं (२) धीमुं पडवं (३) मूंझाव; सपटावु सिट्टा पुं० जुवारनुं डूंड सिट्टी स्त्री० वाचाळपणं. -भूलना = सपटावं; गंभरावं
सिठनी स्त्री० लग्ननुं फटाणुं सिठाई स्त्री० फीकापणुं; 'सीठापन' सिड़ स्त्री०, ०पन ( - ना) पुं० गांडपण; उन्माद (२) धून. ० बिल्ला वि० गांडु (२) मूर्ख. सिड़ सवार होना = गांडपण धावुं सिड़ी वि०पागल ( २ ) धूनी (स्त्री० - डिन ) सितंबर पुं० सप्टेम्बर मास सित वि० [सं.] श्वेत; धोळं (२) पुं० शुक्ल पक्ष (३) चांदी (४) खांड
सितम पुं० [फा.] जुलम; अत्याचार. ०गर पुं० जुलमी; सिमत गुजारनार. ०कश, ०जदा, ०रसीदा वि० [फा.] सितमनुं भोग बनेलुं. सितम ढाना, तोड़ना = जुलम करवो
सिताइश स्त्री० [फा.] धन्यवाद; शाबाशी (२) आभार; 'शुक्रिया' सिताब अ० [फा. शिताब] जलदी ; झट. - बी स्त्री० शीघ्रता
सितार पुं० सतार वाद्य ०बाज पुं० सितारियो. ०बाजी स्त्री० तेनी विद्या के कळा
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सिन- बुलूग़त
सितारा पुं० [फा.] सितारो; तारो (२) सोना चांदीनी बिंदी-टीलडी (३) नसीब; भाग्य चमकना, -बुलंद होना = नसीब ऊघडवु. -भारी होना = दशा बेसवी सितारा-दाँ पुं० [फा.] जोशी सितारिया पुं० सितारियो; सतार वगाडी
जाणनार
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सितुई, ही स्त्री० छीप; सीप सितून पुं० [फा.] स्तंभ ( २ ) मिनारो सिदक़ा पुं० जुओ 'सदक़ा'; खेरात सिदरी स्त्री० त्रण दरवाजा के कमानवाळो ओरडो के वरंडो सिदिक् वि० जुओ 'सिद्दीक़ ' सिक़ पुं० [ अ ] सत्यता सिद्दीक़ वि० [ अ ] सत्यनिष्ठ सिद्ध fro [सं.] सधायेलुं; सफळ पुरवार के साबित थयेलं; पाकुं साधनानुं फळ पालुं [एवं स्थान सिद्ध-पीठ पुं० [सं.] ज्यां साधना झट फळे सिद्धरस पुं० [सं.] पारो
सिद्धांत पुं० [ सं . ] सिद्ध- पाकी प्रमाणित वात, वस्तु के निर्णय
सिद्धाई स्त्री० सिद्ध होवुं ते; सिद्ध दशा सिद्धि स्त्री० [सं.] सिद्धता; साधना फळवी ते
सिधाई स्त्री० सीधापणुं [मर सिधारना अ०क्रि० सिधाववुं; जवुं (२) सिन पुं० [ अ ] उंमर; अवस्था (२) साल (३) [सं.] शरीर (४) पोशाक (५) वि० सफेद (६) का
सिनक स्त्री० लीट; नाकनो मेल सिनकना अ०क्रि० नाक नसीकवुं सिन- बुलूरात पुं० [अ.] उमरे पहोंचवं ते (२) युवानी
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