________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शजरा ४९५
शब्द शजरा पुं० [अ.] वृक्ष (२) वंशवृक्ष लाली. -का टुकड़ा = खूब सुंदर.
(३) तलाटीनो खेतरोनो नकशो -फूलना =ए लाली फेलावी शठ पुं० [सं.] पाको, खंधो लुच्चो माणस शफ़क़त स्त्री० [अ.] कृपा; महेरबानी शण (-न) पुं० शण; 'सन'
शफ़ा स्त्री० [अ. शिफ़ा] तंदुरस्ती; शत वि० [सं.] सो; १०० [(२) सैकुं आरोग्य. खाना पुं० दवाखान। शतक पुं० [सं.] सोनो समूह; सेंकडो । शफ़ी वि० [अ. शफ़ी] वच्चे पडी शतधा अ० [सं.] सो रीते; सेंकडो प्रकारे पतावट करनार शतरंज स्त्री० [फा.] शेतरंज शफ़ीक़ वि० [अ.] दयाळु; महेरबान शतरंजी स्त्री० [फा.] शेतरंजी (२) शफ्फ़ाक़ वि० [अ.] स्वच्छ (२) पारदर्शक शेतरंज रमवानां खानांनु कपडु (३)पुं० शब स्त्री० [फा.] रात -री) सरस शेतरंज रमी जाणनार
शब-कोर वि० [फा.] रतांधळं (नाम, शताब्दी स्त्री० [सं.] सैकुं; सो वरस । शबनम स्त्री० [फा. झाकळ; ओस (२) शतायु वि० [सं.] सो वरसन; चिरंजीव पातळा बारीक मलमलनी एक जात शतावधान पुं० [सं.] सो अवधान के शबनमी स्त्री० [फा.] मच्छरदानी तेनी शक्तिवाळो माणस. -नी पुं० शब-बरात स्त्री० [फा.] एक इस्लामी तेवो माणस (२) स्त्री० शतावधान- __ तहेवार
[खूबसूरती काम के शक्ति
शबाब पुं० [अ.] यौवन; जुवानी (२) शत्रु पुं० [सं.] दुश्मन; सामेवाळो शबाहत स्त्री० [अ.] सूरत; सिकल शदीद वि० [अ.] भारे; खूब; सखत । शबिस्तान पुं० [फा.] सूवानो ओरडो; शह पुं० [अ] जोर; भार (२) तशदीद'- अंतःपुर अक्षरनुं द्वित्व. ०व मद, -हो मद पुं० । शबीना वि० [फा.] रातर्नु; वासी (२) ठाठमाठ; धामधूम
पुं० रातमां पूरुं करवानुं काम, दा०त० शद्दा पुं० [अ.] ताबूतनो झंडो कुराननो पाठ शनवा वि० [फा.] सांभळनार; सुणनार. शबीह स्त्री० [अ.] चित्र; छबी
०ई स्त्री० सुनावणी परिचय शबेक़द्र स्त्री० [फा.+अ.] रमजान मासनी शनाख्त स्त्री० [फा. शिनाख्त] पिछान; २७मी तारीखनी रात (एम मनाय छे शनास वि० [फा. शिनास] पिछाननार के त्यारे खुदा जुए छे के कोण मारी (समासने अंते). -सा वि० पिछाननार. बंदगी करे छे) -साई स्त्री० पिछान
शबे-तार, शबे-तारीक स्त्री० [फा.] शनि पुं० [सं.] एक ग्रह (२) एक बार __ अंधारी रात चांदनी रात के दिवस (३) कमनसीब
शबे-माह, शबे-माहताब स्त्री० [फा.] शनैः अ० [सं.] धीमे
शबोरोज अ० [फा.] रातदिवस; हरदम शपथ पुं० [सं.] सोगन
शब्द पुं० [सं.] अवाज; ध्वनि (२) शब्द; शफ़क़ स्त्री० [अ.] संध्या के उषानी वचन; बोल; वाणी
For Private and Personal Use Only