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अशुन
असामी अशुन पुं० (प.)अश्विनी नक्षत्र असत्य वि० [सं.] मिथ्या; जूठं अशुभ वि० [सं.] बुरुं; भूईं; अमंगल असबर्ग पुं० [फा.] रेशम रंगवामां
(२) पुं० -अहित (३) पाप आवतुं एक खुरासानी घास अशेष वि० [सं.] पूरुं; बधू (२)खतम; . असबाब पुं० [अ.] चीज ; वस्तु; सामान
समाप्त (३)अनेक; बहु. असमंजस स्त्री०[सं]दुविधा(२) अडचण अशौच पुं० [सं.] अपवित्रता; अशुद्धि असमय पुं० (सं.) दुःखनो-खराब समय (२) सूतक
(२) अ० कवखते अश्क पुं० [फा.] आंसुः (वादळ असर पुं० [अ.] असर; प्रभाव अश्म पुं० [सं.] पथ्थर (२) पर्वत (३) असरार अ० (प.) लगातार; सतत (२) अश्मरी स्त्री० [सं.] पथरीनो मूत्ररोग पुं० ब०व० [अ.] भेद; गुप्त वातो अश्रु पुं० [सं.] आंसु . असल वि० [अ.] खरं; सावु (२) अश्लील वि० [सं.] बीभत्स; गहुँ उच्च ; श्रेष्ठ (३) शुद्ध; भेळसेळ अश्व पुं० [सं.] घोडो निक्षत्र वगरनु (४) अकृत्रिम (५) पुं० अश्विनी स्त्री० [सं.] धोडी (२) एक जड; मूळ ; पायो अषाढ़ पुं० अषाढ मास
असलह पुं० [अ.] शस्त्र; हथियार . अष्ट वि० [सं.] आउ. ०म वि० [सं.] असला अ० [अ.] जरा पण (२) कदापि; आठमुं. मी स्त्री० आठम
हरगिज असंक्रांति मास पुं० [सं.] अधिक मास असलियत स्त्री॰ [अ.] साच; तथ्य (२) असंख्य वि० [सं.] अगणित
मूळतत्त्व ; सार (३) जड़; मूळ असंगत वि० [सं.] अजगतं; अनचित असली वि० असल;खरं (२) मूळ ; मुख्य असंतोष पुं० [सं.] अतृप्ति (२) (३) शुद्ध; निर्भेळ अप्रसन्नता .
असवार पुं० सवार. -री स्त्री० सवारी असंभव वि० [सं.] अशक्य ; 'नामुमकिन' असह वि० असह्य असंभावना स्त्री० [सं.] असंभव असहयोग पुं० असहकार अस वि० (प.) आवं; आ प्रकारचें. असही वि० अदेखु ; ईर्षाळु (२) समान; तुल्य
असाच वि० असत्य'; मिथ्या असकताना अ.क्रि० आळस करवं; असा पुं० [अ.] सोटो; दंडो आळसी जवू
असाढ़ पुं० [सं. आषाढ़] अषाढ़ मास असकन्ना पुं० तलवारनु म्यान अंदरथी असाढ़ी वि० अष.ढनुं (२) स्त्री०
स.फ करवान लोढा- एक ओजार . . अषाढी पाक (३) अषाढी पूनम असगंध पुं० एक औषधि; अश्वगंधा असाध्य वि० [सं.] न थई शके एवं;. असगुन पुं०. अपशुकन
कठण (२) न मटी शके एवो (रोग) असत् वि० [सं.] बूरं; खराब (२) असामी पुं० [अ. आसामी] आसामी; जूटुं (३) असाधु
व्यक्ति (२) देणदार (३) साथियो
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