________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६१
रोजन रोजन पुं० [फा.] छिद्र; बाकुं (२)नानी बारी रोजा पुं० [अ.] रोजो; समाधि(२)बगीचो रोताइन स्त्री० रावनी स्त्री; ठकराणी रौताई स्त्री० रावपणुं; सरदारी रौद्र वि०[सं.] रुद्र; भयंकर (२) पुं० एक काव्यरस रौनक स्त्री० [अ.] रोनक; शोभा
लंबरदार रौप्य वि० [सं.] रूपानु; रूपेरी (२) पुं० रू'; चांदी रौरव पुं० [सं.] एक महा नरक रौरे स०(प.) रउरे';आप (आदरवाचक) रौला पुं० 'रोला'; शोरबकोर; धमाल रोशन वि० [फा. जुओ 'रोशन' रोशनी स्त्री० [फा.] जुओ 'रोशनी' रौहाल स्त्री० (प.) घोडानी रवाल
लंक स्त्री० लंका (२) [सं.] कमर लंगरदार वि० [फा.] भारे लंकलाट पुं० 'लॉन्ग क्लॉथ'; एक जातनुं लंगर पुं० वांदरो के तेनी पूंछडी जाडु कापड
लंगूल पुं० लांगूल; पूंछडी लंग स्त्री० काछडी (२) पुं० [सं.] यार । लँगोट (-टा) पुं० लंगोट; कच्छ लंग पुं० [फा.] लंगडापणुं (२) वि०
लॅगोटबन्द पुं० ब्रह्मचारी लंगडुं. --करना, -खाना= लंगडावू
लँगोटिया यार पुं० लंगोटियो मित्र लँगड़,-ड़ा वि० लंगडु
लँगोटी स्त्री० कौपीन; लंगोटी. -पर लँगड़ा (-रा)ना अ०क्रि० लंगडावू
फाग खेलना-थोडं जोर छतां बहु लंगर पुं० [फा.] वहाणनें लंगर (२) हराया ढोरने गळे बंधायेलुं लाकडं लंघन पुं० [सं.] लांघq ते; उपवास डेरो (३) सदाव्रतनी जगा (शीखोनुं लंठ वि० मूर्ख; जड लंगर) (४) पहेलवाननो लंगोट (५) लँडूरा वि० बांडु (पक्षी) वि० भारे; वजनदार (६) 'लँगड़'; लंतरानी स्त्री० [अ.] शेखी; डिंग; मोटी लंगडुं(७)नटखट; तोफानी.-उठाना = __ मोटी वातो ठोकवी ते लंगर उठाव; वहाण रवाना थq. लंप पुं० 'लॅम्प'; दीवो (२)पुं० यार -करना, -डालना, -फेंकना । लंपट वि० [सं.] कामी; विषयी; दुराचारी लंगर नांखवू; लांगरवं. -बाँधना = लंब पुं० [सं.] लंब रेखा (२) वि० लांब पहेलवाननुं काम करवू (२) ब्रह्मचर्य लंबकर्ण पुं० [सं.] बकरो (२) गधेडो (३) लेवू. -लंगोट कसना या बाँधना = हाथी (४) वि० लांबा कानवाळं लडवा तैयार थQ
लंबग्रीव पुं० [सं.] ऊंट लंगरखाना पुं० [फा. शीख लंगर ___ लंबतडंग वि० लांबु ताड जेवं लंगरगाह पुं० [फा.] लंगर नांखवानी- लंबर पुं० नंबर. ०दार पुं० जुओ लांगरवानी जगा
'नंबरदार'; महालकरी
For Private and Personal Use Only