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बिट्ठल ३७८
बिया बिट्ठल पुं० विठ्ठल; प्रभु
ब्रह्मा (३) जमा उधारनो हिसाब. बिटारना सक्रि० वटाळवं; गंदं करवू -मिलाना = हिसाब मेळववो बिटिया स्त्री० बेटी (लाडवाचक) बिधना पं० विधाता; ब्रह्मा (२) अ.क्रि० बिठाना सक्रि० जओ 'बैठाना' (प.) वींधावू; छेदातुं बिड पं० 'बिट'; अघार (२) बिड बिन अ० विना; विण (२) [अ.] पुं० पुत्र लवण -- मीठु
बिनई वि० (प.) विनयी; नम्र बिडर वि० विखरायेलं (२) नीडर बिनऊ स्त्री० (प.) विनय बिडरना अ०क्रि० विखेराई जर्बु(२)डरवं ।। बिनती स्त्री० विनंती; अरज बिड़ाल पुं० [सं.] बिलाडी
बिनन स्त्री० वणवू के वीणq ते (२) बिढ़वना सक्रि० वधार; संघरQ वणाट के विणामण बित पुं० वित्त; धन (२) शक्ति (३) कद बिनना सक्रि० वीणq (२) वणवं बितरना स० क्रि० वहेंचर्बु
बिनय स्त्री० विनय पामवं बिताना स०क्रि० वितावq; गुजारवं बिनस (-सा)ना अ०क्रि० (प.) विनाश बित्त पुं० वित्त; धन-दोलत
बिनसाना सक्रि० विनाश करवो (२) बित्ता पुं० वेंत
अ०क्रि० जुओ 'बिनसना' बिथकना अ० क्रि० चकित थq (२)मोह, बिना अ० विना (२) [अ] स्त्री० पायो बिथरना अ० क्रि० (प) विखेरावं; छूटुं (२) जड; मूळ (३) आरंभ छुटुं थ,
बिनाई स्त्री० 'बिनना' -वणवू के वीण ते बिथा स्त्री० (प.) व्यथा
बिना-बर अ० [फा.] आथी; आ वास्ते बिदकना अ०क्रि० फाटवू; चिरावं (२) बिनावट स्त्री० वणाट घायले थर्रा (३) डरवू
बिनौला पुं० कपासियो बिदकाना स० क्रि० 'बिदकना' नुं प्रेरक । बिपत (-ता,-त्ति,-द,-दा) स्त्री० बिदर पुं० विदर्भ देश (२) एक उपधातु विपत्ति; दुःख बिदरी स्त्री० 'बिदर'नुं धातुकाम. ०साज बिफरना अ०क्रि० वीफरवू पुं० ते करनार कारीगर
बिबर पुं० विवर; काj बिदा स्त्री० [अ. विदाअ] विदाय; जq ते बिबस वि० विवश बिदाई स्त्री० विदाय थq ते के तेनी बिबा(-वा)ई स्त्री० पग फाटवा ते
आज्ञा के ते वेळा कांई आपq ते; बिबाक वि० जुओ 'बेबाक' विदायगीरी
बिबाकी स्त्री० बाकी न रहेQ-चूकते बिदून अ० [फा.] विना; वगर करवं ते (२) समाप्ति बिदेस पुं० विदेश; परदेश
बिबि वि० (प.) द्वि; बे [मन विना बिद्दत स्त्री० [अ. बिदअत] खराबी (२) । बिमन वि० उदास; दु:खी (२) अ०
कष्ट (३) आफत (४) जुल्म (५) दुर्दशा बियर स्त्री० [इ.] 'बीर' दारू बिध स्त्री० रीत; प्रकार (२) विधि; बिया पुं० बियुं; बीज (२) वि० बीजूं
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