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प्रसू
प्राणी प्रसू स्त्री० [सं.] जणनारी (२) माता प्रांत पुं० [सं.] प्रदेश; इलाको (२) सीमा प्रसूत पुं० प्रसूति बाद थतो स्त्री-रोग; (३) किनारो; छेडो
सुवारोग (२) संतान; प्रजा (३) प्रांतर पुं० [सं.] बे स्थानो के वच्चेनो वि० प्रसवेलुं खाट लावश स्त्री लांबो झाडपान वगरनो रस्तो के प्रसूता,-तिका स्त्री० [सं.] प्रसवथी वेरान प्रदेश [तेने लगतुं प्रसूति स्त्री० [सं.] जणवू ते; प्रसव (२) प्रांतिक, प्रांतीय वि० [सं.] प्रांतनु के उत्पत्ति (३) संतान; प्रजा
प्रांश वि० [सं.] ऊंचं प्रसून पुं० [सं.] फळ के फूल प्राइवेट वि० [इ.] खानगी; निजी प्रसेद पुं० (प.) प्रस्वेद; परसेवो प्राका (-ची)र पुं० [सं.] कोट; किल्लो प्रस्ताव पुं० [सं.] प्रसंग; अवसर (२) प्राकृत वि० [सं.] स्वाभाविक (२) चर्चा; प्रकरण; विषय (३) दरखास्त; भौतिक; प्राकृतिक (३) सामान्य; चर्चा माटेनो ठराव (४) प्रस्तावना । __ लौकिक; मामूली (४) स्त्री० प्राकृत प्रस्तावना स्त्री० [सं.] आरंभ के ते माटेगें। भाषा लखाण इ०; उपोद्घात ।
प्राकृतिक वि० [सं.] जुओ 'प्राकृत' प्रस्तुत वि० [सं.] प्रासंगिक; प्रसंगोचित; प्राक् वि० [सं.] पहेलं; पूर्व उपस्थित
प्राक्कथन पुं० [सं.] शरूना बे बोल; प्रस्थ पुं० [सं.] पहाड परनो सपाट प्रदेश; प्रस्तावना
'टेबल-लॅन्ड' (२) पहोळो विस्तार प्राक्तन पुं० [सं.] नसीब (२) वि० प्रस्थान पुं० [सं.] जq के ऊपडवू ते; प्राचीन; पहेलांनुं [मत-पद्धति प्रयाण (२) विजययात्रा
प्राक्सी स्त्री० [ई.] प्रॉक्सी; अवेजप्रस्वेद पुं० [सं.] परसेवो [भाग प्राङ्मुख वि० [सं.] पूर्वाभिमुख प्रहर पुं० [सं.] पहोर; दिवसनो ८ मो प्राची स्त्री० [सं.] पूर्व दिशा प्रहरी पुं० [सं.] दर पहोरे टकोरा प्राचीन वि० [सं.] पुराणुं; जूनूं; पूर्व
मारनार चोकीदार; पहेरावाळो प्राचीर पुं० [सं.] जुओ 'प्राकार' प्रहसन पुं० [सं.] हांसी; मश्करी (२) प्राचुर्य पुं० [सं.] प्रचुरता; बाहुल्य; एक प्रकारचें नाटक
अधिकता प्रहार पुं० [सं.] घा; मार
प्राच्य वि० [सं.] पूर्वन ; प्राचीन प्रहारना स०क्रि० (प.) प्रहार करवो प्राज्ञ वि० [सं.] बुद्धिमान; विद्वान
(२) अस्त्र फेंकवं [कोयडो; समस्या प्राण पुं० [सं.] वायु; हवा (२) जीव प्रहेलिका स्त्री० [सं.] जुओ 'पहेली'; (३) शक्ति; बळ. ०दंड पुं० मोतनी प्रांगण (--) पुं० [सं.] आंगणु; चोक सजा. ०दान पुं० जीवन आपq ते प्रांजल वि० [सं.] सीधु; सरळ (२) साचु; (२) मोतथी कोईने बचावq ते • प्रामाणिक; सालस [हाथवाळं प्राणांत पुं० [सं.] मोत प्रांजलि वि० [सं.] दीनताथी जोडेला प्राणी पुं० [सं.] जीव (२) जंतु
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