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पोत
पोत पुं० जमीनमहेसुल; 'पोता' (२) [सं.] पशुपक्षीनं बच्चुं (३) नानो छोड पोतड़ा पुं०' पूतड़ा' ; बळोतियुं. पोतड़ोंके अमीर या रईस = अमीर खानदाननो; गर्भश्रीमंत
पोतदार पुं० महेसूल जमा राखनार (२) खजानामां रूपिया पारखनार पोतना स०क्रि० धोळवु; लींपवुं ( २ ) पुं० पोतुं कूचडो पोतला पुं० 'पराँठा'; चोपडुं पोता पुं० पौत्र ( २ ) महसूल ( ३ ) पोतुं पोती स्त्री० पौत्री
पोथा पुं० मोटुं पोथुं (२) कागळनी थोकडी. -थी स्त्री० चोपडी पोदना पुं० वामन ( २ ) एक नानुं पक्षी पोदीना पुं० [फा.] फुदीनो पोना स०क्रि० ( रोटलो) हाथे घडवो (२) परोववुं (३) गूंथवुं
पोप पुं० [इं.] सौथी मोटो ख्रिस्ती धर्मगुरु पोपला वि० दांत वगरनुं; बोखलुं (२) पोपलं; पोचकण [ के होवु पोपलाना अ०क्रि० बोखुं के पोपलुं थ पोया पुं० सापनुं बच्चु कणो (२) नानो छोड के बच्च [(२) पेराई पोर स्त्री० आंगळ के आंगळीनो वेढो पोल पुं० पोलाण (२) अंदरनुं पोल पोला वि० पोलुं; खाली पोश पुं० [फा.] ( समासमां ) ढांकण. उदा. मेजपोश (२) पोशाक पोशाक, पोशिश [फा.] स्त्री० पोशाक; पहेरवेश. पोशाक बढ़ाना = कपडां उतारवां
पोशीदा वि० [फा.] गुप्त; ढंकायेलं. दगी स्त्री० गुप्तता; ढांक के छुपावनुं ते
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पौआ
1. पोषक वि० [सं.] पोषनारुं ( २ ) सहायक पोषण पुं० [सं.]पोषवं ते; पालन; सहायता पोष ( स ) ना स०क्रि० पोषवुं ; पालन करवु पोष्य वि० [सं.] पालनपोषण करवा योग्य. ०पुत्र पुं० दत्तक पुत्र पोस पुं० पालणपोषण करवा माटेनो आभार - कृतज्ञता. ०पूत पुं० दत्तक पुत्र पोसना स०क्रि० पोषवुं; पाळवं पोस्ट स्त्री० [इं.] जगा; नोकरी (२) टपाल पोस्ट आफिस पुं० [इं.] डाकघर पोस्ट कार्ड पुं० [इं.] टपालनुं पत्तुं; कार्ड पोस्ट मार्टम पुं० [इं.] मरण बाद कराती मदानी चीरफाड के ते तपास पोस्ट मास्तर पुं० [इं.] पोस्ट ऑफिसनो ast
पोस्टमैन पुं० [इं. ] टपाली पोस्टर पुं० [इं.] जाहेरात माटे मोटो कागळ छपाय छे ते पोस्टेज पुं० [इं. ] टपालखर्च पोस्त पुं० [फा.] छोडुं (२) पोस; अफीणनो दोडो (३) जुओ 'पोस्ता ' पोस्ता पुं० अफीणनो छोड पोस्ती पुं० [फा.] पोस्ती; पोस उकाळी पीनार (२) आळसु पोस्तीन पुं० [फा.] चामडानो (रुवांटीवाळी) कोट के अमुक पोशाक पोहना स०क्रि० 'पिरोना' (२) छेदवुं (३) अंदर घूसवुं
पौंडा, पौंड्रक पुं० [सं.] जाडी मोटी शेरडी पौरना अ०क्रि० 'पैरना'; तरबुं पौ स्त्री० परब (२) रमतनुं पो ( ३ ) पोह; पो. - बारह होना=पो पडवुं (२) लाभनो लाग मळवो पौआ (वा) पुं० पाशेरो
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