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परिपालन
परिपालन पुं० [ सं . ] पालणपोषण ( २ ) रक्षा (३) पाळवु - अमलमां आणवुं ते परिपुष्ट वि० [सं.] खूब पुष्ट परिपूर्ण वि० [सं.] पूरेपूरु; संपूर्ण परिप्रश्न पुं० [सं.] जिज्ञासा; प्रश्न परिभ ( - भा) व पुं० [ सं . ]अनादर; अपमान परिभाषा स्त्री० [ सं . ] स्पष्ट कथन ( २ ) लक्षण; व्याख्या (३) परिभाषा परिभ्रमण पुं० [सं.] आम तेम फरहेलवं ते (२) परिधि (३) गोळ गोळ फर
परिमल पुं० [सं.] सुवास; सुगंध परिमाण पुं० [सं.] माप; तोल; मात्रा परिमार्जन पुं० [सं.] बरोबर धोवुं के मांज ते (२) एक मीठाई परिमित वि० [ सं . ] मर्यादित; मिजानसर (२) अल्प [सीमा; हद परिमिति स्त्री० [सं.] माप; परिमाण (२) परिया पुं० दक्षिण भारतनी एक अस्पृश्य जात
परिरंभ, ०ण पुं० [सं.] आलिंगन; भेटवुं ते परिवर्तन पुं० [सं.] फेरफार (२) फेरो; चक्कर (३) अदलबदलो; विनिमय परिवा स्त्री० प्रतिपदा; पडवो; 'पड़िवा' परिवाद पुं० [सं.] निंदा; कूथली. - दी वि० निंदक
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परिवार पुं० [सं.] आवरण; ढांकण (२) म्यान; कशानुं घरं (३) कुटुंबकबीलो; बाळबच्चा (४) आश्रित नोकरचाकर वगेरे
परिवृत वि० [सं.] चारे तरफ घेरायेलुं के ढंकालु - ति स्त्री० परिवृत्त वि० [सं.] ऊलटसुलट (२) घेरायेलु -त्ति स्त्री०
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परुष
परिवेष, oण पुं० [सं.] पीरसवुं ते (२) घेर; परिघ (३) कोट, किल्लो (४) प्रकाशनुं चकरडुं; 'हॅलो' [ भ्रमण परिव्रज्या स्त्री० [सं.] संन्यास ( २ ) परिपरिव्राज, ०क, -ट पुं० [सं.] संन्यासी परिशिष्ट वि० [सं.] बाकी बचेलुं (२) पुं० पुस्तकनुं परिशिष्ट परिशीलन पुं० [सं.] अनुशीलन; ऊंडो विचार के अभ्यास परिशोधन पुं० [सं.] पूर्ण शुद्धि (२) देवं पूरुं के चूकते करवुं ते परिश्रम पुं० [सं.] श्रम; महेनत ( २ ) थाक. -मी वि० महेनतु परिश्रांत वि० [सं.] थाकेलु; ढीलुं; मांदु परिषद् स्त्री० [सं.] सभा ( २ ) समूह परिष्कार पुं० [सं.] संस्कार; शुद्धि (२) सफाई, स्वच्छता (३) सजावट परिस्तान पुं० [फा.] परीओनो मुलक परिस्थिति स्त्री० [सं.] आसपासनी अवस्था; दशा
परिहरण पुं० [ सं . ] लई लेवुं ते (२) त्याग परिहार पुं० [सं.] त्याग (२) उकेल;
उपाय; निवारण (३) कर इ० नी माफी छूट
परिहास पुं० [सं.] खेल; हांसी; मजाक परी स्त्री० [फा.] अप्सरा (२) सुंदर स्त्री परीक्षा स्त्री० [सं.] तपास; कसोटी. -क्षक पुं० तपासनार. -क्षण पुं० तपासवुं ते. ०र्थी पुं० परीक्षामां बेसनार परीजाद, परीरू वि० [फा.] अति सुंदर परीशान वि०, नी स्त्री० जुओ 'परेशान, नी'
परुष वि० [सं.] कठोर; कर्कश; कडक; शुष्क (२) निष्ठुर ; निर्दय
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