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नेजा
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नैसगिक नेजा, [फा.] नेजाल पुं० (प.) नेजो; भालो नेस्त वि० [फा.] अस्तित्व वगरनु (२) नेजु; निशान. ०बरदार पुं० नाबूद वि० नष्टभ्रष्ट; खेदानमेदान भालावाळो के राजानो निशानची नेस्ती स्त्री० [फा. न होवू ते; अभाव नडे (-रे) अ० (प.) नजीक; पासे (२) आळस (३) नाश [तेल घी इ० नेत पुं० निरधार; ठराव (२) संकल्प नह पुं० (प.) स्नेह; प्रेम (२) चीकट; (३) स्त्री० नैयत
ने स्त्री० [फा. वासनी नळी के वासळी नेता पुं० [सं.] नायक; आगेवान (२) हकानी नेह नेती स्त्री० वलोणाचें नेतरुं
नै स्त्री० (प.) नदी (२) नीति; नय नेत्र पुं० [सं.] आंख (२) नेतरुं नचा पुं० [फा.] नेचो; हुकानो मेर. नेनुआ(-वा) पुं० एक शाक-गलकुं बंद पुं० नेचो बनावनार. ०बंदी नेपथ्य पुं० [सं.] वेशभूषा (२) रंगभूमिनो स्त्री० तेनुं काम
पाछळनो भाग [परोववानो नैतिक वि० [सं.] नीति संबंधी नेफ़ा पुं० [फा.लेंघो इ०नो नेफो-नाडु नन पुं० (प.) नयन नेम पुं० नियम (२)रिवाज (३)धर्मक्रिया नैनसुक (-ख) पुं० नेनसूक कपडु नेमत स्त्री० जुओ 'निआमत' नेनू पुं० 'नयनू'; माखण नेमधरम पुं० पूजापाठ इ० धर्मविधि नैपुण्य पुं० [सं.] निपुणता; कुशळता नेमि स्त्री० [सं.] पैडानो घेराव; परिघ नैमित्तिक वि० [सं.] निमित्तने लईने (२) कूआनो कांठो (३) कांठो;किनारो थतुं के करातुं; खास; विशेष नेमी वि० नेमथी रहेनार; नियम पाळ- नयर पुं० [अ.] खूब चळकतो तारो नार. ०धरमी वि० पूजापाठ वगेरे नैयरे-असगर पुं० [अ.] चंद्रमा नियमथी करनार; 'नेमधरम'वाळं नैयरे-आजम पुं० [अ.] सूर्य नेरा, नेरे अ० (प.) नेरुं; पासे; 'नियर' । नया स्त्री० (प.) नाव; होडी नेवग पुं० (प.) 'नेग'; दस्तूर; रिवाज नैयायिक पुं० [सं.] न्यायशास्त्री नेवज पुं० नैवेद्य; भोग
नैरंग पुं०, नैरंगी स्त्री० [फा. चालबाजी नेवत (-ता) पुं० 'न्योता'; नोतरुं (२) जादु. -ए-जमाना = जमानानो नेवतना स०क्रि० नोतरवू
पलटो; समयनो खेल, पलटो के जादु नेवर पुं० नूपुर (२) वि० खराब; बुरुं नैराश्य पुं० [सं.] निराशा (३) स्त्री० घोडाना बे पग अथडाईने । नैऋत, -त्य वि० [सं.] नैऋत्य कोण वागवू ते
संबंधी. -ती स्त्री० नैऋत्य खूणो नेवला पुं० नोळियो
के दिशा नेवाज वि० जुओ 'निवाज' [(३) डंख । नैवेद्य पुं० [सं.] (देवनो) नैवेद नेश पुं० [फा. नोक; अणी (२)कांटो; नै-शकर स्त्री० [फा. शेरडी नेशकर पुं० [फा. शेरडी
नैष्ठिक वि० [सं.] निष्ठावाळू नेश्तर पुं० [फा.] नस्तर
नैसर्गिक वि० [सं.] कुदरती; प्राकृतिक
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