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वैनवार
देवानांप्रिय
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बोपारा । देवानांप्रिय पुंगसं.] बकरो (२) मूर्ख वैन पुं० [अ.] देण; देवें
देवालय पुं० [सं.] देवळ; मंदिर वैनदार पुं० [फा. देणदार; देवादार देवी स्त्री० सिं.] देवी (२) सन्नारी दैनिक वि० [सं.] रोजिंदुं; रोजर्नु देश (-स) पुं० [सं.] देश; मुल्क (२) दैन्य पुं० [सं.] दीनता स्थान; जगा
दैव वि० [सं.] देवने लगतुं (२) पुं० देशनिकाला पुं० देशनिकालनी सजा ___ नसीब (३) ईश्वर (४) आकाश देशभाषा स्त्री० [सं.] अमुक देश के वैवज्ञ पुं० [सं.] जोशी प्रदेशनी भाषा
दैवयोग पुं० सं. नसीबनो संयोग देशांतर पुं० [सं.] देशावर; बीजो देश दैवात् अ० [सं.] दैववशात् देशी (०य) वि० [सं.] देश- के तेने लगतुं दैविक वि० [सं.देवताई(२)आधिदैविक देस पुं० देश; मुल्क. -सी वि० देशी देवी वि० [सं.] 'दैविक' (२) आकस्मिक देसवाल वि० देशन; स्वदेशी दैहिक वि० [सं.] देह संबंधी; शारीरिक देसावर पुं० [फा.) 'दिसावर'; देशावर दो वि० [फा.] बे. (आ अर्थमां समासमां देह स्त्री० [सं.] देह; शरीर (२) पुं० 'दु' जेम पण आवे छे) प्रदेश [फा. दिह देहात; गाम (३)वि० देनार दोआब,-बा पुं० [फा.] बे नदी वच्चेनो (समासमां) जेम के, जवाबदेह
दोउ, ऊ वि० (प.) बन्ने; बेउ मनुष्य वेहका। - [फा.) गामडियो; ग्रामवासी दोगला पुं० [फा.] जारज के वर्णसंकर (२) खेडूत. -नियत स्त्री० गामडिया- दोचंद वि० [फा.] 'दुचन्द'; बेगj . पj. -नी वि० गामडान; गामडियु; दो-चार स्त्री० [फा.] केटलाक; बे चार ग्रामीण
दोचित्ता वि०, वोचित्ती स्त्री० जुओ बेहरा पुं० देरुं:देवालय(२)मनुष्य-शरीर 'दुचित्ता,-त्ती' देहरी,-ली स्त्री० [सं.] ऊमरो दोजख पुं० [फा.] दोजख; नरक देहांत पुं० सं.] मरण [गाम दोजानू अ० [फा. चूंटणिये (बेसवू) देहात पुं० [फा. 'दिह'नुं ब०व०] दिहात'; दोतरफ़ा अ० [फा.] जुओ 'दुतफ़ी देहाती वि० [फा. दह नु; 'देहक़ान' दोतला,-ल्ला वि० बे खंड के माळy
ही पुं० [सं.] आत्मा; देहधारी (मकान) दैत्य पुं० [सं.] द नव; असुर (२) अति । दोतारा पुं० बेतारुं वाद्य मोटो बळवान माणस
दोन पुं० दोआब (२) खीण (३) दैनंदिन अ० [सं.] प्रतिदिन; रोज (२)
नदीओनो संगम वि० रोजमुं. नी स्त्री० डायरी; दोना पुं० (स्त्री०,-बी) द्रोण; दडियो रोजनीशी
दोनों वि० बन्ने
बपोर देन पुं० दैन्य; दीनता (२) स्त्री० 'देन'; दोपहर पुं०; -रिया स्त्री० 'दुपहर'; देवं ते; भेट (३) वि० देनारु, जेम के दोफ़सली वि० जेमां बे फसल लेवाय तेवं सुखदैन (४) दिन-दिवस संबंधी दोबारा अ० [फा. जुओ 'दुबारा'
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