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दुशवार
दुशवार - री जुओ 'दुश्वार - री' दुशाला पुं० दुशालो; कीमती शाल दुश्चरित वि० [सं.] दुराचारी (२) पुं० दुराचार
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दुश्नाम स्त्री० [फा.] गाळ दुश्मन पुं० [फा.] शत्रु; वेरी दुश्मनी स्त्री० शत्रुता; वेर बुश्वार वि० [फा.] ( नाम, - री) कठण; मुश्केल (२) दुःसह दुष्कर वि० [सं.] करवुं कठण; अघसं दुष्कर्म पुं० [सं.] बूरुं काम; पाप दुष्काल पुं० [सं.] दुकाळ दुष्ट वि० [सं.] खराब; पापी; अधम दुसह वि० ( प. ) दु:सह; असह्य दुसार ( - ल ) अ० ( प. ) आरपार ; सोंसरु दुसूती स्त्री० मोद जेवुं चोतारं एक बिछान् [ मुश्केल दुस्तर वि० [सं.] तरी जवुं - पार करवुं दुस्सह वि० [ सं . ] असह्य
दुहता पुं० दौहित्र; पुत्रीनो पुत्र; 'दोहता' दुहना स० क्रि० दोहवुं दुहनी स्त्री० [सं. दोहनी] दोणी दुहरा पुं० दोहरो दुहराना स० क्रि० जुओ 'दोहरांना ' दुहाई स्त्री० दोहवं ते के तेनी मजूरी (२) दुहाई; आण (३) घोषणा. - देना = आण देवी. - फिरना = आण वर्तवी (२) ढंढेरो पिटावो
दुहाग पुं० दुर्भाग्य (२) रंडापो दुहागिन स्त्री० विधवा दुहागी वि० दुर्भागी दुहिता स्त्री० [सं.] दीकरी; पुत्री दुहेला वि० दोह्यलु; मुश्केल; कठण दुई स्त्री० [सं.] जुदाई; द्वैत
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दूरदर्शी
दूकान स्त्री० जुओ 'दुकान' ०दार पुं० दुकानवालो
दूज स्त्री० 'दुतिया'; बीज ( तिथि ) दूजा वि० बीजुं
दूत पुं० [सं.] संदेशो लई जनार; खेपियो (२) जासूस; चर. - तिका, ती स्त्री० दूत स्त्री; प्रेमीओ वच्चे संदेशा इ० करनारी
दूध पुं० दूध. - उतरना = : छातीमां दूध भरावं. - का दूध और पानीका पानी करना = चोखो न्याय तोळवो. को मक्खीकी तरह निकालना, निकालकर फेंक देना = तुच्छ समझी दूर कर दूध पिलाई स्त्री० धाव ( २ ) लग्ननी एक विधि
दूध-पूत पुं० धन अने संतति दूध-मुँहा, -मुख वि० धावणुं दून स्त्री० बमणापणुं (२) पुं० खीणनो भाग. —की लेना या हाँकना = गप हांकवी दूना वि० बमणुं; बे गणुं दूब स्त्री० दरो घास टू बढ्दू अ० [फा.] सामसामे दूभर वि० कठण; अघहं दूरंदेश वि० [फा.] दूरदर्शी; अगमचेतीवाळं. -शी स्त्री० अगमचेती दूर अ० [सं.] आघे; वेगळे ( समय के स्थळमां). - को कहना = भारे सूझ के समजनी वात कहेवी. - की सोचना = दीर्घदृष्टिथी विचारवं
दूरकी बात स्त्री० बारीक, कठण के भविष्यनी वात
दूर-दराज वि० [फा.] दूर दूर; बहु दूर दूर-दर्शक, दूरदर्शी वि० [सं.] दूरंदेश; दीर्घदृष्टिवाळं
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