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सीखना
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अपना
झीखना अ०क्रि० खिजावू; ढ(क)दुःख
रडवू (३) पुं० ते क्रिया (४) आपवीती झीना वि० झीणु (२) काणां काणां-
वाळं (३) दुर्बल सील स्त्री० सरोवर (कुदरती) झीलर पुं० नान सरोवर झीवर पुं० धीवर; मर; माछी झुंझलाना अ०कि. चूंधवावं; चिडावं.
-हट स्त्री० धूंधवाट; खीज; चीड झुंड पुं० झुंड; समूह; टोळु झुकना अ.क्रि. झक लटकव: नीचं
थर्बु (प्रेरक झुकाना) सुकनी स्त्री० पीडा; दुःख झुकाव पुं० झूकवूते (२) ढाळ (३) झोक झुटपुटा पुं० (सांज सवारनो) संध्यानो
वखत झुटुंग वि० जाफरां के जटावाळू झुठलाना सक्रि० जूठं ठरावधू-पाडवं (२) जू कही छेतरवू झुठाई स्त्री० जूठापणुं; असत्य • झुठाना, झुठालना सक्रि० 'झुठलाना' झनक स्त्री०झणकार (अ० क्रि०झुनकना) झुनझुना पुं० बाळकनो घूघरो झुनझुनी स्त्री० झणझणी; खाली सुपरी स्त्री० (प.) झुपडी झुमका पुं० झूमखुं (२)झूमणुं-एक घरेणुं झुर(-रा)ना अ०क्रि० झूरवू; चिंताथी
दुःखी थर्बु (२) सुकावू झुरमुट झोलु; टोळं (२) गुटपुट शरीरने ढांकी लेवं ते (३) झाड पांदडांथी ढंकायेली जगा; घीच झाडी सुराना अ०क्रि० सुकावं (२) 'झुरना';
सुकावु (२) 'झुरना'; शूरवू; दुःख के भयथी गभरावु (३) दुबळा पडq (४) स०क्रि० सूकवq
झरी स्त्री० चामडीनी करचली झुलना पुं० झूलो; हींचको (२) स्त्रीनो
एक ढीलो कबजो-'झूला' झुलसना अ०क्रि० उपर उपरथी दाझवू जेथी काळं पडी जाय (२) स०क्रि० तेवी रीते शेकवू, दझाडवू झुलाना सक्रि० झुलाव (२) धक्का
खवडाववा; ल करवी झूमल स्त्री० 'झुंझलाहट'; चीड; क्रोध झूझना अ०क्रि० 'जूझना'; झूझg झूठ पुं० जूठ; असत्य. -सच कहना या लगाना-साचुंजूळू कही फसावq (२) साचांजूठां करवां के कहेवां झूठमूठ अ० अध्धर; फोकट झूठा वि० जू; (२) नकली (३) छं: जूठा' झूम स्त्री० झोकु; ऊंघ । झूमका पुं० जुओ 'झुमका' झमड़-झामड़ पुं० खोटो प्रपंच-जंजाळ झूमना अ.क्रि० झोकां खावां; झूलता डोलवू (२) (वादळ) झझूम, सूमर पुं० माथा एक घरेणुं (२) कानझूमणुं; 'झुमका' (३)गरबा जेवू फरीने गावानुं एक गीत के तेवो नाच सूर वि० शुष्क; सूकुं (२) खाली; नका, (३) एर्छ (४) स्त्री० झूरवू ते मूलन पं० होंडोळानो उत्सव मूलना अ०क्रि० झूलq (२) कोई काममा वधु पड्या रहे - लटक्या करवु (३) वि० झूलतुं (४) पुं० झूलणा छंद मला पं० झोलो; हीडोळो (२) झूलतो पुल(३)बे बाजु बांधी सूवा माटे करातो झोलो (४) गामडाती स्त्रीओनो एक झूलतो ढोलो कबजो झंपना, झेपना म०क्रि० शरमावू; लाज,
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