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समर समर समर समर अ० झरमर झरमर झाँई स्त्री० पडछायो (२) दगो (३) झमाका पुं० झणको; ठणको ___ चहेरा पर पडी जतुं काळं चकामुं. झमाझम अ० 'झमझम' वर्षानो अवाज -बताना=दगो देवो । झमूरा पुं० (रौंछ इ०) जाफरियुं पशुः झाँक स्त्री० छू डोकियुं करवं ते बाजीगरनो जंबूरो
('ताकझाँक'मां वपराय छे.) समेला पुं० बखेडो; झघडो (२) भीड. झाँकना अ०क्रि० आडमां के छूपुं जोवू -लिया वि० झघडाखोर
(२) डोकाव झर स्त्री० [सं.] झरj (२) वरसादनी झांका पुं० झरूखो [दृश्य (३) झरूखो
झडी (३) समूह; झुंड (४) आंच; झोळ झाँकी स्त्री० 'झांक'; जोवू ते; झांखी(२) सरना ० झरj (२) अ० क्रि० झरवं झांगला वि० ढोलं; रमतुं (वस्त्र इ०) झराझर अ० सतत; लगातार; जोरथी माँझ स्त्री० झांझ छबलीकां(२) झांझर शरी स्त्री० झरणुं (२) कर; लागो (३) क्रोध; दाझ (४) दुष्टता; 'शरारत' झरोखा पुं० झरूखो क्रोध झांझट स्त्री० झंझट; झघडो झल पुं० दाह; आंच (२) तीव्र इच्छा (३) साँझन (-२) स्त्री० झांझर-पगर्नु घरेणुं झलक स्त्री० झळक; चमक (२) छाया; झाँझर वि० (प.) भांगलं; जीर्ण; तूटयुआभास. ०दार वि०
फूटयु झलकना अ०क्रि० झळकवं; चळकवं (२) झाँझरी स्त्री०झांझ छबलीकां(२)झांझर आभास थवो; देखावं
माँट स्त्री० झांटुं झलका पुं० फोल्लो [झळझळ; झगमग झाप स्त्री० ऊंघ (२) पडदो; चक (३) झलझल स्त्री०. चमक; झळमळ (२)अ० कोई जातनू ढांकण शलम (-म)लाना अ०क्रि० झगमगवं; सांपना स० क्रि० ढांक (२) शरमावर्दू जळहळg (२) सक्रि० झळकावq.
झावना सक्रि० 'झाँवाँ थी - झामराथी (नाम -हट स्त्री०) . घसीने (हाथ पग इ०)धोवं सुस्त झलना सक्रि०(हवा नांखवा) हलाव; झाँवर (-रा) वि० काळ (२) मेलं (३) वींझg (२) अ०क्रि० आम तेम हालवू मावली स्त्री० आंखनो इशारो-नखरं (३) 'झालना' नुं कर्मणि
झावा पुं० जुओ 'हवा' झलमल पुं० जुओ 'झलझल' झांसना सक्रि० ठगवू; दगो देवो; छेतरवू झलमला वि० झगझगतुं; चमकतुं. ०ना झांसा(०पट्टी) पुं० छेतरपिंडी; धोखाअ०क्रि० जुओ 'झलझलाना'
बाजी; दगो.-देना-दो देवो; छेतरवू झलार झाडी; गाढुं वन झाँसू पुं० दगाबाज झल्ला पुं० टोपलो (२) वि० पातळ झाग पुं० 'गाज'; फीण
गा नहि एवं चीडवq झाड़ पुं० छोड (धुगा जेवो) (२) झाड झल्लाना अ०क्रि० चिडावु(२)सक्रि० (३) झुमर (४) स्त्री० झाडवू ते झष पुं० [सं.] माछली (२) मगर माड़खंड वन
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