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जौजा जीजा स्त्री० [अ.] जोरु; पत्नी जोन स० (प.) जे (२) पुं० यवन जोपै अ० (7.) 'जी'; जो; यदि जौर पुं० [अ.] जुलम; अत्याचार जौहर पुं० [अ.] रत्न (२) सार (३) विशेषता; खूबी जौहर पुं० [जोव+हर] जौहर; जमोर
के तेनी चिता जौहरी पुं० [फा.] झवेरी ज्ञात वि० [सं.] जाणेलं. ०व्य वि०जाणवा
योग्य. -ता पुं० जाणनार शाति स्त्री० [सं.] नात ज्ञान पुं० [सं.] जाण; बोध; समज; साक्षात्कार. -नी वि० ज्ञानवान. -नेन्द्रिय स्त्री० ज्ञान माटेनी इंद्रिय. -छाँटना = पोतानुं ज्ञान बताववा लांबीपहोळी वातो ठोकवी ज्ञापन पुं० [सं.] जणावq ते; निवेदन ज्ञेय वि० [सं.] ज्ञातव्य; जाणवा जेवू; जाणी शकाय एवं ज्या स्त्री॰ [सं.] धनुषनी पणछ (२)पृथ्वी । ज्यादती स्त्री० [फा. अधिकता (२)
अत्याचार; बळात्कार ज्यादा वि० जुओ 'जियादा'; वधारे ज्यान पुं० (प.) जुओ 'जियान' स्याफ़त स्त्री० जुओ 'जियाफ़त' ज्यामिति स्त्री० [सं.] भूमिति ज्यूं, ज्यों अ० जेम; जेवी रीते (२) 'जैसे हो' जेवू; जे क्षणे; ज्यां
ज्वालामुखी ज्योष्ठ वि० [सं.] मोटु; वडु (२) पुं०
जेठ मास ज्यों अ० जुओ 'ज्यू'. -का त्यों-जेम' होय तेम. -ज्यों-जेम जेम; जे क्रमे. -त्यों-ज्यां त्यां-जेम तेम करीने. ही =जेवं; जे क्षणे ज्योति स्त्री० [सं.] प्रकाश (२) जोत ज्योतिक पुं० (प.) जोषी जोष ज्योतिविद्या स्त्री० [सं.] ज्योतिष विद्या; ज्योतिष पुं० [सं.] जोष; ज्योतिष विद्या.
-षी पुं० जोषो ज्योतिष्पथ पुं० [सं.] आकाश । ज्योतिष्मान् वि० [सं.] प्रकाशवाळं ज्योत्स्ना स्त्री० [सं.] चांदनी के तेनी रात ज्यो(-ज्यो)नार स्त्री० रसोई (२)नाफत ज्योहत,-र पुं० जौहर ज्यौ अ० (प.) जो; यदि ज्योनार स्त्री० जुओ 'ज्योनार' ज्वर पुं० [सं.] ताव (२) स्पष्टज्वलंत वि० [सं.] काशमान; जळहळतुं ज्वलन पुं० [सं.] दाह; बळ ते (२)
आग (३) ज्वाळा ज्वार स्त्री० जुवार (२) जुआळ; भरती ज्वारभाटा पुं० भरतीओट ज्वारी पुं० जुओ 'जुआरी' ज्वाल पुं०,-ला स्त्री॰ [सं.]झोळ ज्वाळा (२) आंच; ताप ज्वालामुखी पुं० ज्वालामुखी पर्वत (२) स्त्री० एक देवी
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