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छपाई छपाई स्त्री० छाप; छापकाम(२)छपामण छपाका पुं० छबाको छप्पन वि० ५६ संख्या छप्पय पुं० छप्पो छप्पर पुं० छापलं. -पर रखना=आधु के अलग राखवू; छोडवू. -फाड़कर देना = घेर बेठे मळवू - पहोंचq.. -रखना = दोष देवो छबड़ा पुं० छाबडु; टोपलं छबि स्त्री० शोभा; सुंदरता छबीला वि० छबील; रुपाळ छब्बीस वि० छव्वीस; २६ छमना सक्रि० (प.) क्षमा करवी । छमा(०ई) स्त्री० (प.) क्षमा छमाही वि० छ मासिक छय पुं०खय; क्षय; नाश [घा पर मीठं) । छरछराना अ०क्रि० चचरर्बु (जेम के छरना अ० कि० झरवं; टपकवू (२)
छळg; बीवू [(२) तेज; फूर्तिलं छरहरा वि० (स्त्री०,-री)पातळु;हलकुं छरोरा पुं० उझरडो छर्वन पुं०, छदि स्त्री० [सं.] ऊलटी छर्रा पुं० बंदूकनो छरो (२) झांझरनी
घूधरी छल पुं० [सं.] छळ; कपट (२) ठगq ते छलक (०न) स्त्रो० छालक छलकावं ते । छलकना अ०क्रि० छलकावू छलकाना सक्रि० छलकाव, छलछंद, छलछात, छलछिद्र पुं०, छल
छाया स्त्री० कपट; चालबाजी छलछलाना सक्रि० छल छल अवाज
थवो (२) छलका (पाणी इ०) छलना सक्रि० छेतरवु (२) स्त्री० छळ छलनी स्त्री० चाळणी.-में डाल छाजमें
छांह उड़ाना = रज गज करवू; वातनुं वतेसर कर छलांग स्त्री० छलंग छलाई स्त्री० (प.) कपट; छेतरपिंडी छलाना सक्रि० 'छलना' नुं प्रेरक छलावा पुं० (भूतप्रेत) देखा दई अलोप थर्बु ते छलित वि० [सं.] छेतरायेलं छलिया,छली वि० कपटी; छळ करनार छलोरी स्त्री० नहियुं पाकवू ते; नखमां
छाला पडवां के ते पाके ए रोग छल्ला पुं० छल्लो; वींटी छवना पुं० (स्त्री०,-नी) जुओ 'छौना' छवाई स्त्री० छावं ते के तेनी मजूरी छवाना सक्रि० 'छाना'नुं प्रेरक [छबी, छवि स्त्री० [सं.] शोभा(२) तेज;प्रभा(३) छवैया पुं० छापरुं छानारो छहरना अ०क्रि० जुओ 'छहराना' छहराना अ०क्रि०(प.)बीखरावं; फेलावू (२) सक्रि० फेलाव छहियाँ स्त्री० 'छांह'; छाया छांगना सक्रि० (डाळी) तोडवी-कापवी छाँगुर पुं० छ आंगळियो छांछ स्त्री० छाश छाँट स्त्री० ऊलटी (२) काट के अलग करवं ते के तेम करेली वस्तु छाँटना सक्रि० कापीने जुएं करवु (२)
अलग करवू; जुद् पाडवू (३) साफ करवू छाँड़ना सक्रि० छोडवू छांद स्त्री० ढोरना पग बांधवानी रसी छाँदना स०क्रि० जकडवू; बांधवं छाँव, छांह स्त्री० छाया. छाँह न छूने देना-पासे न आववा देवं. छांह बचाना मासे न जवू
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