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गढ़िया
गढ़ (ढ) या पुं० घडनारो गण पुं० [सं.] गण; समूह (२) शिवनो पण (३) छंदनो गण (४) जाति वर्ग गणक पुं० [सं.] जोशी
गणतंत्र पुं० प्रजाशाही राज्य के तेनुं तंत्र गणना स्त्री० [सं.] गणतरी; लेख; हिसाब; अंदाज
गणराज्य पुं० [ सं . ] 'गणतंत्र'; प्रजातंत्र गणिका स्त्री० [सं.] गुणका; वेश्या गणित पुं० [ सं . ] हिसाब के तेनी विद्या गण्य वि० [सं.] गणनापात्र ( २ ) प्रतिष्ठितः मान्य
गण्य-मान्य वि० [सं.] प्रतिष्ठित गत स्त्री० गति; दशा (२) वि० [ सं . ] गयेलं; वीतेलं. – बनाना = दुर्दशा करवी; टीपं [लाकडी गतका पुं० ढाललकडी के ते खेलवानी गति स्त्री० [ सं . ] जनुं ते (२) चाल (३) झडप ; वेग (४) दशा (५) मरण बादनी स्थिति
गत्ता पुं० कागळनी थोकडी गत्तालखाता पुं० मांडी वाळवानी रकमनुं खातुं
गव पुं० [ सं . ] रोग (२) विष गदका पुं० जुओ 'गतका' गदगद वि० गद्गद गदना स० क्रि० ( प. ) कहेवुं सदर पुं० उपद्रव; खळभळाट (२) बळवो गदरा ( ०ना) वि० पाकवा आवेलुं; नरम (फळ इ० )
गदराना अ० क्रि० (फळ) पाकवा पर आववुः नरम थवं (२) जुवानीथी शरीर भरावा लागवुं (३) आंख आववी (४) गंदु थबं (५) वि० जुओ 'गदरा' हि-१०
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गय
गदला वि० 'गेंदला'; गंदु वहपचीसी स्त्री० गध्धापचीसी गदहपन पुं० गध्धापणु; मूर्खता गदहा पुं० [स्त्री० - ही] 'गधा'; गधेडुं (२) [सं.] वैद्य
गदा पुं० [फा.] भिखारी; फकीर ( २ ) स्त्री० [ सं . ] गदा हथियार गदाई वि० तुच्छ; क्षुद्र (२) रद्दी नकामुं (३) स्त्री० भीख-वृत्ति
गदी बि० [सं.] रोगी (२) गदाधारी गदेला पुं० गदेलुं (२) नानो छोकरो गदोरी स्त्री० हथेळी
गद्गद वि० [सं.] हर्ष इ०थी लागणीवश बनेलुं (जेथी वाणी पर असर थाय). गद्द पुं० नरम जगामां धब दईने पडबुं ते (२) भारे खाधानो पेटमां भार गद्दर वि० काचुंपाकुं (२) पुं० मोटुं गदेलुं गद्दा पुं० गोदडुं गादी [भारे बेवफा गद्दार वि० [अ.] भारे बळवाखोर (२) गद्दी स्त्री० नानुं गोडुं (२) गादी (३) हथेली के पगनुं तळियुं गद्दीनशीन वि० गादीए बेठेल (२) वारस गद्य पुं० [सं.] गद्य लखाण गधा पुं० 'गदहा'; गधेडुं
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गनगनाना अ० क्रि० कंपवु धूजवं गनगौर स्त्री० चैत्र सुद त्रीज; स्त्रीओनी गौरीपूजा [भारे स्वतंत्र रानी वि० [अ] भारे धनवान ( २ ) गनीम पुं० [ अ ] शत्रु (२) डाकु; लुटारो रानीमत स्त्री० [ अ ] लूंटनों के मफतियो माल (२) गनीमत; संतोषनी सारी बात ग्रनूदगी स्त्री० [फा.] ऊंघ आववी ते गन्ना पुं० शेरडी गप स्त्री० जुओ 'ग्रप'