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ख्वाहिश
करवा
खोपा
१४१ खोपा पुं० छापरा के मकाननो रस्ता ख्यात वि० [सं.] जाणीतुं प्रसिद्ध (नाम
पर पडतो खूणो; करो (२) अंबोडो -ति स्त्री०) खोय स्त्री० [फा. खू] खो; आदत ख्याल पुं० जुओ ‘खयाल' (२) खेल; खोया, -वा पुं० दूधनो मावो
क्रीडा खोर स्त्री० सांकडी गली (२) स्नान ख्याली वि० कल्पित (२) खेल करनार. (३) ढोरनी गमाण (४) जुओ 'खोड़' -पुलाव पकाना शेखचल्लीना तरंग खोर वि० [फा.] खानार (समासमां. उदा० नशाखोर)
निष्ट पुं० ईशु ख्रिस्त खोरना अ० क्रि० नाहवू
खिष्टान पुं० 'क्रिस्तान'; ख्रिस्ती खोरा पुं० कटोरो (२) पाणी- पात्र(३) शिष्टीय वि० ख्रिस्ती वि० खोडु; अपंग; खोंडा' [-की' खवाँ वि० [फा.] (समासने अंते) कहेनार, खोराक पुं०, -की वि० जुओ 'खुराक, गानार, पढनार एवा अर्थमां खोल पुं० खोळ; गलेफ (२) उपरनी स्वाँदा वि० [फा.] भणेल; शिक्षित चामडी (जे प्राणी उतारे छे); कांचळी ख्वाजा पुं० [फा.] मालिक; सरदार (२) (३) मोटो ओछाड
सद्गृहस्थ (३) व्यंडळ; खोजो खोलना स० क्रि० खोलवू; उघाडवू ___ ख्वाजा-सरा पुं० [फा.] खोजो; रणवासमां खोली स्त्री० खोळ; गलेफ
राखवा नपुंसक बनावेलो ते खोवा पुं० 'खोया'; मावो [लूम खवान् पुं० [फा.] थाळ; मोटी थाळी खोशा पुं० [फा.]अनाजनुं डूंडु के फळनी खवान्चा पुं० [फा.] 'खोन्चा';खूमचो (२) खोह स्त्री० गुफा; खो
नानी थाळी खौ स्त्री० खाडो(२)अन्न राखवार्नु भोयरुं खवाब पुं० [फा.] निद्रा (२) स्वप्न. खोज पुं० [अ.] गहन विचार
गाह पुं० सूवानो ओरडो खौफ़ पुं० [अ.] खोफ; डर (वि०-नाक) ख्वार वि० [फा.] खुवार; पायमाल (२) खौर स्त्री० तिलक टीका' (२)स्त्रीओनुं तिरस्कृत [नाम -री स्त्री०] माथा- एक घरेणुं .
ख्वास्तगार वि० [फा.] इच्छुक. [नाम खौरना स० क्रि० तिलक कर (२) -री स्त्री०] 'खोर' घरेणुं पहेरवू
ख्वाह अ० [फा.]अथवा (२)स्त्री० इच्छा खौरा पुं० (कूतरां बिलाडांने थती) लूखस ख्वाह-मख्वाह अ० [फा.] जरूर;अवश्य; (२) वि० तेनुं रोगी
खामुखा; इच्छाए के अनिच्छाए खौलना अ० कि० ऊकळवू
ख्वाहिर स्त्री० [फा.] बहेन खौलाना स० क्रि० प्रवाही गरम करवू स्वाहिश स्त्री० [फा.] खाएश; इच्छा
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