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विराम
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खिरामा वि० [फा.] मस्तानी चाले चालनाएं. - खिरामाँ = धीरे धीरे; मस्त चाले ( चालवु ) खिलंदरा ( - ड़ा ) वि० खेलतुं कूदतुं खिलअत स्त्री० [अ०] खिल्लत; राजा तरफथी माननो पोशाक
'खिलक़त स्त्री० [अ.] सृष्टि (२) भीड खिलकौरी स्त्री० खेल; गमत खिलखिलाना अ० क्रि० खीखी के
खडखड हरा
खिलत ( - ति) स्त्री० जुओ 'खिलअत ' खिलना अ० क्रि० खीलवुं (२) शोभवुं (३) वच्चेथी फाटवुं (४) अलग अलग थ; छूटुं पडवुं खिलवत स्त्री० [ अ ] 'खलवत'; एकांत जगा. - खाना = 'खुलवत-खाना' खिलवाड़ (-र ) पुं० जुओ 'खेलवाड़' खिलाई स्त्री० खावुं के खवडाववुं ते (२) आया; बच्चाने राखनार स्त्री खिलाऊ वि० उदार
खिलाड़ (-डी) पु० (स्त्री० - डिन) खेलाडी (२) जादूगर
खिलाना स० क्रि० 'खेलना', 'खाना',
'खिलना' नुं प्रेरक खिलाफ़ वि० [ अ ] सामेनुं; विरुद्ध खिलाफ़ क़ानून वि० [फा.] गैरकायदे; कायदा विरुद्ध
पद
ख़िलाफ़ - गोई स्त्री० [फा.] जूठं बोलवं ते खिलाफ़त स्त्री० [अ.] इस्लामना खलीफनुं [[फा.] रूढि विरुद्ध खिलाफ़ - दस्तूर, खिलाफ़-मामूल वि० खिलाफ़ - मरजी वि० [फा.] मरजी विरुद्ध खिलाफ़ - वर्ज़ी स्त्री० [अ. + फा.] अवज्ञा (२) अयोग्य वर्तन
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खीसा
खिलाल स्त्री० [अ.] रमत के बाजीमां हार (२) जुओ 'खलाल' (३) अंतर खिलौना पुं० खिलोणुं; रमकडुं खिल्त पुं० [ अ ] शरीरनी कफ धातु खिल्त मिल्त वि० मिश्रित; भेगुं खिल्ली स्त्री० खेल; हांसी; मजाक ( २ )
पाननुं मोटुं बीडुं (३) खीली खिश्त स्त्री० [अ . ] ईंट (वि० - श्ती) खिसकना अ०क्रि० जुओ 'खसकना ' खिसाना अ०क्रि० जुओ 'खिसियाना' खिसारा पुं० [ अ ] घट; खोट; हानि खिसियाना अ०क्रि० खिसियाणुं पडवु शरमा (२) रितावुं
खिसी स्त्री० शरम (२) धृष्टता खोंच स्त्री० खेंच [खेंचताण खींचतान, खींचाखोंची, खींचातानी स्त्री० खींचना स० क्रि० खेंचबुं खीज, -झ स्त्री० खीज [खिजावुं खीज ( झ ) ना अ०क्रि० 'खिजना';खीजवुं; खीन वि० क्षीण [नाम, ता, ताई ] खीमा पुं० [ अ ] 'खेमा'; तंबु खीर स्त्री० दूधपाक [ प्राशन कराववुं खीर चटाना = बाळकने पहेलवहेलुं अन्नखीरा पुं० [सं. क्षीरक] काकडी जेवुं एक [जुओ 'खिरनी' खीरी स्त्री० ढोरनुं बावलुं; 'बाख' (२) खील स्त्री० धाणी (२) कील; खीली खीला पुं० खीलो
फळ
खीली स्त्री० 'खिल्ली'; पाननो बीडी खीवन, नि स्त्री० मदनी मस्ती खीस स्त्री० खीज; क्रोध (२) लज्जा;
शरम (३) दांतरापणुं (४) करेटुं (५) वि० नष्ट; पायमाल
खीसा पुं० [फा.कीसा] खीसुं (२) थेली
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