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कमरिया कबूद वि० [फा.] आसमानी; नील कमंद पु० कबन्ध (प.) (२) [फा.जंगली कबूल पुं० [अ.] स्वीकार; कबूलत. पशुने बांधवानो पाश कबूलनां स० क्रि० कबूलबुं; स्वीकार कम वि० [फा.] थोडं; ओछु (२) कबूलियत स्त्री० [अ.] कबूल-मंजूरीनो खराब (प्रायः समासमां) जेम के - दस्तावेज; कबूलतनामुं
कमनसीब क़बूली स्त्री० [फा.] चणानी दाळनी कमअसल वि० [फा.+अ.] वर्णसंकर खीचडी
[कबजियात कमखाब पुं० [फा.] किनखाब कब्ज पुं० [अ.] ग्रहण; पकड (२) .. कमची स्त्री० [तु.] पातळी सोटी; चाबुक कब्जा पुं० [अ.] (तलवारनी) मूठ; ___ कमच्छा स्त्री० कामाक्षी देवी दस्तो (२) कब्जो; अधिकार (३). कमजोर वि० [फा.] कमजोर; अशक्त नरमादा; बरडवां
(नाम -री स्त्री०) कब्जादार पुं० [फा.] कब्जो धरावनार . कमठ पुं० [सं.] काचबो (२) कमठाळं;
आसामी (२) वि० कबजावाळू . वांस (३) साधुनी तूमडी कब्जियत स्त्री० [अ.] कबजियात 'कमठा पुं० [सं. कमठ] कामर्छ; धनुष्य क्रब स्त्री० [सं.] कबर. –में पांव या कमठी स्त्री० कमठाडु (२)[सं.] काचबी .पैर लटकांना=मरण पासे होवू (२) कमतर वि० [फा.]. बहु ओछं बहु घरडा थq
कमती स्त्री० (२) वि० कमी; ओर्छ कब (-ब्रिस्तान पुं० [फा.] कब्रस्तान कमनीय वि० [सं.] सुंदर; मनोहर कभी अ० कोई पण वखते; क्यारे पण. कमनेत पुं० बाणावळी; तीरंदाज
-कभी, -कभार = अवारनवार; क्यारे कमबख्त वि० [फा.] कमनसीब; दुर्भागी क्यारे. -का अ० क्यारन; घणा (नाम, -ख्ती स्त्री०) वखतथी. -न कभी% कोई ने कोई कमयाब वि० [फा.] दुर्लभ वखते
कमर स्त्री॰ [फा.] केड; कमर. -टूटना कभू अ० (प.) जुओ ‘कभी' निरुत्साह, निराश थq कमंगर पुं० [फा. कमानगर] कमान कमर पुं० [फा.] चंद्रमा बनावनार (२) हाडवैद (३) चितारो कमरकोट,टा पुं० किल्लानी उपरनी (४) वि० दक्ष; निपुण
(कांगरा इ०वाळी) वंडी के दीवाल कमंगरी स्त्री० 'कमंगर'नो धंधो के काम कमरख स्त्री कमरखी के कमरख फळ कमंचा पुं० शारडी फेरववानुं कामठा कमरखी वि० कमरखना आकार- . . जेवू ओजार .
कमरबंद पुं० [फा.] कमरबंध (पटो, कमंडल पुं० कमंडळ (साधुनु) नाडु इ०) (२) वि० तत्पर कमंडली वि० कमंडलु राखनार; साधु कमरा पुं० कोटडी; ओरडी (२) कॅमेरा
(२) पाखंडी (३) पुं० ब्रह्मा .. (३) कामळो कमंडलु पुं० [सं.] (साधु-) कमंडळ कमरिया पुं० एक प्रकारनो हाथी .
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